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Bikaneri Holi : मसखरों, मस्तानों, स्वांगों के शहर में होलियाना स्वागत, पर जरा सतर्क रहें!

  • दीपक स्वामी

RNE Special.

होली और बीकानेर इन दो शब्दों का एक साथ जिक्र होते ही जेहन में उभर आती है एक ऐसे शहर की तस्वीर जो एक-दो दिन नहीं वरन एक सप्ताह तक होली की भरपूर मस्ती में डूबा रहता है। एक बार फिर यह साबित हो रहा है शहरभर में छाई होली की मस्ती को देखकर।

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दोपहर का वक्त और शहर के बीचोबीचा मोहता चौक में दो पाटों में बड़े-बड़े टोपियों में घुट रही भांग और इर्द-गिर्द जमा लोगों के साथ ही गूंज रहे महादेव के जयकार और विजया-वचन। विजया-वचन बोले, भांग की खूबियां बताते हुए उसे चुनने, उबालने, घोटने, छानने की पूरी प्रक्रिया।

मसलन :

‘पहले साफी साफ कर पीछे रंग लगाय
चला जाय कैलाश पर शिव को शीश नवाय..’
विजयाप्रेमियों को कोई टोक दे तो फिर उसके लिए निकलते हैं कुछ ऐसे बोल..
‘रंग रहे, रूप रहे, काया रहे सचेत
पीवण वाळा मौज करे अर मूंजी मरे अचेत..’

यह दिन की शुरूआत भर है। इस दौरान दिनभर आपको शहर में जगह-जगह कई चौंकाने वाली शख्सियतें भी मिल सकती है। सबसे ज्यादा सतर्क उन खूबसूरत युवतियों से रहने की जो महज थोड़ा-सा परिचय करवाते ही बेबाकी से ‘हग’ करने के साथ कोई इशारा कर दें। आप पता नहीं किन ख्यालयों में खोये उनके पीछे दीवाने होकर घूमते रहे और कुछ देर बात चले कि ये मैडम नहीं मिस्टर हैं।

खैर होली है तो कुछ भी हो सकता है और बीकानेर है तो यहां तो ‘कुछ भी’ का दायरा बहुत बड़ा हो जाता है। लिखकर नहीं बताया जा सकता है। इस मस्ती को महसूस करने और इसका आनंद लेने के लिए बस शहरी परकोटा का एक चक्कर लगा आएं। हां जब लगे कि शाम होने वाली है तो रविवार शाम को धरणीधर मैदान में चक्कर लगा आये। यहां का फुटबॉल मैच आपको चकरा सकता है। स्वांगों की फागणिया फुटबाल खत्म होते-होते चंग की थाप कानों में गूंज पड़ेगी।जस्सूसरगेट ‘छिटकण दे रे केस भंवर काळा…’ गाते रसियों और चंग पर थाप देते हुए मस्तानों की धुनों में खोई कोई गौरी बाकायदा काले केस छिटकाकर नाचती नजर आ जाएगी। हां, भावुक मत हो जाइयेगा यह भी गोरी के वेश में ‘गोरा’ ही निकलेगा।

..और रात के बारे में तो यह पहले से ही मशहूर है कि बीकानेर पूरी रात जागने वाला शहर है। ऐसे में होली पर रात और दिन के बीच चहल-पहल की होड़ रहती है। इसमें रातें बाजी मार ले जाती है। वजह पूरी रात चलने वाली रम्मतें। हर रम्मत सिर्फ मनोरंजन नहीं करती, कुछ खास संदेश भी देती है।

तो अगर चाहते हैं बीकानेरी होली का आनंद तो निकल पड़िये इस शहर के परकोटे की परिक्रमा करने।