
संवेदनाओं का मंचन – नाटकों का संगम : करुणा, हास्य और सामाजिक यथार्थ का चित्रण
RNE Bikaner.
बीकानेर थियेटर फ़ेस्टिवल के तीसरे दिन आज कुल आठ नाट्य प्रस्तुतियां हुईं , जिसमें तीन पूर्णांकी नाटक, एक कहानी वाचन,एक लघु नाटक वह दो नुक्कड़ नाटकों व एक बातपोशी का मंचन किया गया । आज की प्रस्तुतियों में करुणा, भय ,हास्य,राग, द्वेष सहित मानवीय पक्षों की विभिन्न संवेदनाओं को प्रस्तुत किया गया गया । समारोह के समन्वयक सुधेश व्यास व सुनील जोशी ने बताया कि सभी नाटकों में दर्शकों ने भारी उपस्थिति के साथ नाटकों की सराहना की ।
अंतर्मन के धागे : नारी मन का द्वंद्व
आज के दिन का पहला नाटक टी एम आडिटोरियम में नूपुर संस्था, जयपुर की तरफ से अमृता प्रीतम की दो कहानियों करमावाली तथा एक रूमाल एक अंगूठी एक छलनी का वाचन आरोह अवरोह के साथ संगीतमय रूप में किया गया । कहानियां नारी मन के भीतरी पक्ष, उसके जीवन तथा उसके द्वन्द को को दर्शकों तक पहुंचाने में सफल रही । वाचन रुचि भार्गव नरूला, सर्वेश व्यास, आयूषी दीक्षित ने किया वंही मंच पार्श्व में कार्तिका भारद्वाज, चिन्मय मदान, राजू कुमार, विमल मीना ने विभिन्न दायित्व संभाले । परिकल्पना बबिता मदान की रही । निर्देशक का सम्मान टोडरमल , जतिन दुग्गड़ तथा अशोक जोशी ने किया ।
दो अकेली : अकेलेपन की त्रासदी
दिन का दूसरा नाटक सेठ तोलाराम बाफना अकादमी, बीकानेर की तरफ से कांता द्वारा लिखित व रोहित बोड़ा द्वारा निर्देशित दो अकेली रहा । यह नाटक मुख्यतः दो विधवा बहनों के एकाकीपन की कहानी है जो जिनको एक दूसरे से शिकायत भी है और जो एक दूसरे की तक़लीफ की साझेदार भी है । मंच पर यश्वी सेठिया, अभितोज कौर भाठिया, तेजन सुखीजा, चिराग सुखानी, खुशांक शर्मा ने प्रभावी अभिनय किया । मंच पार्श्व में ललित रतावा, सुरेश बिस्सा ने विभिन्न दायित्व संभाले । निर्देशक का सम्मान कमल अनुरागी , रामसहाय हर्ष, दयानंद शर्मा , बुलाकी भोजक ने किया ।
भगवद्ज्जुकीयम : हास्य व्यंग्य की बही धार
तीसरी प्रस्तुति नीपा रंगमण्डली, लखनऊ की तरफ से नाटक भगवद्ज्जुकीयम था जिसका मंचन सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ के निर्देशन तथा मृदुल भारद्वाज के सहायक निर्देशन में किया गया । सातवीं शताब्दी में मूल संस्कृत में रचित बोधायन कवि का यह नाटक नाटक काया परिवर्तन से उत्पन्न हास्य को प्रस्तुत करता है ।मंच पर विकेश बाजपेई, नितिश भारद्वाज, कोमल सिंह, अंशिका, संध्या रस्तोगी, संजीव वर्मा, सुजीत सिंह यादव, अमन, शुभम, नवनीत रस्तोगी ने गतिशील अभिनय किया । मंच पार्श्व में देवाशीश मिश्र, सुजीत सिंह यादव, विनय मिश्र, अमन कुमार, अखिलेश दीक्षित, भारतेन्दु कश्यप, यश, अमन, संध्या रस्तोगी, कोमल सिंह, शहीर अहमद, यातीन्द्र चतुर्वेदी, रवि नगर ने विभिन्न दायित्व संभाले।
गोल्डन बाजार : सेक्स वर्कर्स का दिखा दर्द
दिन की अंतिम प्रस्तुति टी.एम. ऑडिटोरियम में पोटली थियेटर ग्रुप, मुम्बई की तरफ से पवन उत्तम तथा विजय सिंह पंवार द्वारा लिखित व विजय सिंह सिंह परमार द्वारा निर्देशित नाटक गोल्डन बाजार था । नाटक की कहानी सेक्स वर्कर्स के जीवन संघर्ष को प्रस्तुत करती है । पर मंजरी मिश्रा, कामना सिंह राणावत, अन्शु श्रीवास्तव, आकांक्षा सिंह, श्रुति प्रिया, युद्धवीर दहिया, दिवेश कुमार, मिथलेश महिर, इन्द्रजीत मोदी, विजय सिंह परमार ने प्रभावी अभिनय किया । मंच पार्श्व में अभिषेक नारायण म्यूजिक व प्रवीण श्रीवास्तव ने विभिन्न दायित्व संभाले।
हालरिया : बच्चों का प्रभावी अभिनय
हंसा गेस्ट हाउस में भरत सिंह राजपुरोहित के निर्देशन में बच्चों ने संगीत नाटक हालरिया का मंचन किया । एक पेड़ की कहानी को प्रस्तुत करते इस नाटक में मंच पर रुही नेगी, हर्षिता सेठिया, न्यासा बाठियाँ, कुसुम मूंड प्रज्ञा भूरा, जय दफ्तरी, भियल श्रीमाली, भुवेश पुरोहित, सिरीष हर्ष, ममता व्यास, काव्यासिंह व दिव्यांश भूरा ने अभिनय किया । निर्देशक का सम्मान दयानंद शर्मा , बुलाकी भोजक व सुरेश खत्री ने किया ।
इसके अतिरिक्त अमित तिवाड़ी के निर्देशन में नुक्कड़ नाटक इंडिया के OG परसाई तथा क्लाक वर्क का मंचन दिल्ली के कलाकारों तथा बातपोशी का मंचन गोपाल आचार्य के निर्देशन में किया गया
समारोह के तीसरे दिन नाटक नेक चोर, बलि और शम्भू, कान्ट पे वांट पे तथा खांचे का मंचन व वरिष्ठ रंगकर्मी नानक हिंदुस्तानी को निर्मोही नाट्य सम्मान अर्पित किया जायेगा ।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने देखा नाटक :
समारोह में अन्य गणमान्य लोगों के साथ केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी नाटक देखा तथा रंगकर्मियों के समर्पण तथा उनकी कला की सराहना की