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Aizawl, Mizoram : गृहमंत्री अमितशाह की मौजूदगी असम राइफल्स की जमीन मिजोरम सरकार को सुपुर्द, नक्शों का आदान-प्रदान हुआ

  • PM Modi सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय : आइज़ॉल में 1890 में सेना का पहला कैंप बनाने के निर्णय के बाद, यह सबसे बड़ा निर्णय
  • मिज़ोरमवासियों की लगभग 3 दशक पुरानी मांग आज पूरी हो रही है
  • NorthEast में टूरिज्म से लेकर टेक्नोलॉजी तक, स्पोर्ट्स से लेकर अंतरिक्ष तक, कृषि से लेकर उद्यमिता तक, हर क्षेत्र में विकास के नए आयाम

RNE Network.

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की उपस्थित में आज मिज़ोरम के आइज़ॉल में असम राइफल्स बटालियन की भूमि का मिज़ोरम सरकार को हस्तांतरण और नक्शों का औपचारिक आदान-प्रदान हुआ। इस अवसर पर मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ललदुओमा, केन्द्रीय गृह सचिव, निदेशक, आसूचना ब्यूरो और महानिदेशक, असम राइफल्स सहित अनेक प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।

35 साल पुरानी मांग हुई पूरी : शाह

इस अवसर पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम मिज़ोरम के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण क्षण है। उन्होंने कहा कि लगभग 35 साल से विशिष्ट प्रकार की टोपोग्राफी और जगह की कमी के कारण बहुत समय से यह मांग थी कि आइजॉल सहित पूरे मिज़ोरम के विकास के लिए असम राइफल्स को इंटीरियर में भेजा जाए। उन्होंने कहा कि मोदी जी के दूरदर्शी निर्णय के कारण मिजोरम के प्रमुख एरिया में बड़ी भूमि उपलब्ध होने जा रही है, जिससे राज्य के विकास को नई दिशा मिलेगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के एक महत्वपूर्ण निर्णय के कारण आज लगभग 30-35 साल पुरानी यह मांग पूरी हो रही है।

1890 में आइज़ॉल सेना कैंप बनने के बाद सबसे बड़ा निर्णय :

अमित शाह ने कहा कि यह सिर्फ एक प्रशासनिक निर्णय नहीं है बल्कि मिज़ोरम की जनता के प्रति मोदी सरकार की ज़िम्मेदारी का प्रतीक है। उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय मिज़ोरम के विकास के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता का परिचायक है। श्री शाह ने कहा कि 1890 में आइज़ॉल में सेना का पहला कैंप बनने से लेकर आज तक के इतिहास में यह सबसे बड़ा निर्णय माना जाएगा।

78 बार NorthEast का दौरा कर चुके पीएम Modi :

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार पिछले 10 साल से पूरे नॉर्थईस्ट को मज़बूत और एकजुट करने का हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार नॉर्थईस्ट में टूरिज्म से लेकर टेक्नोलॉजी तक, स्पोर्ट्स से लेकर अंतरिक्ष तक, कृषि से लेकर उद्यमिता तक, हर क्षेत्र में विकास के नए आयाम गढ़ रही है। श्री शाह ने कहा कि आज़ादी से 2014 तक देश के सभी प्रधानमंत्रियों ने कुल 21 बार नॉर्थईस्ट का दौरा किया था, लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी 2014 से आज तक 78 बार नॉर्थईस्ट का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नॉर्थईस्ट के मंत्रियों के अलावा 2014 से पहले अन्य मंत्रियों के नॉर्थईस्ट के कुल 71 दौरे हुए थे, जबकि इन पिछले 10 साल में केन्द्रीय मंत्रियों के 700 से अधिक दौरे हुए हैं।

North East में शांति-विकास के बड़े कदम :

  1. 2500 करोड़ रूपए की लागत से मिज़ोरम में राष्ट्रीय राजमार्ग 502-ए पर एक पैकेज-1 और पैकेज-3 शुरू किए गए।
  2. 1742 करोड़ रूपए की लागत से आइज़ॉल और कोलासिब ज़िलों में राष्ट्रीय राजमार्ग 6 पर फोर लेन रोड का निर्माण।
  3. 1600 करोड़ रूपए से आइज़ॉल-तुइपंग राष्ट्रीय राजमार्ग 54 को डबल लेन करने का काम।
  4. 100 करोड़ रूपए की लागत से मिज़ोरम में अनेक स्थानों पर बांस के लिंक रोड शुरू करने का काम।
  5. 2 करोड़ रूपए की लागत से 10 हैलीपैड बनाए गए हैं।
  6. 5 हज़ार करोड़ रूपए की लागत से बैराबी-सैरांग रेलवे को शुरू किया गया है।
  7. 600 करोड़ रूपए की लागत से 164 बिस्तर वाला सुपर स्पेश्यिलिटी रिसर्च सेंटर मिज़ोरम में बन रहा है।
  8. 1300 करोड़ रूपए की लागत से तुइरियल हाइड्रो पावर परियोजना शुरू की गई है।
  9. 214 मोबाइल टावर लगाकर मोबाइल कनेक्टिविटी को सुनिश्चित करने का काम किया गया है।