
Pakistan में भारत के दुश्मन आतंकियों को चुन-चुनकर मार रहे अज्ञात हमलावर! आतंकियों में खौफ!
RNE Network.
पाकिस्तान से एक बार फिर भारत विरोधी आतंकी की अज्ञात हमलावरों की ओर से हत्या की खबर सामने आई है। इस बार अज्ञात हमलावरों ने अबू कताल को गोली मार दी है। अबू कताल 2008 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का भतीजा था। कताल पर भारत को अस्थिर करने के इरादे से आतंकी हमलों की साजिश रचने के आरोप भी थे। कताल सिंधी के नाम से जाना जाने वाला अबू कताल 2017 के रियासी बम विस्फोट और 2023 में जम्मू-कश्मीर में तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर हुए हमले सहित कई हाई-प्रोफाइल हमलों में शामिल था।भारत में मोस्ट वांटेड था कताल :
इस एक मौत के साथ ही पिछले कुछ समय में ही पाकिस्तान में लगभग एक दर्जन कुख्यात आतंकियों की हत्या अज्ञात हमलावर कर चुके हैं। हैरानी की बात यह है कि मारे गए सभी आतंकी भारत में अस्थिरता पैदा करने के आरोपों से घिरे थे। ऐसे में भारत के दुश्मनों को चुन-चुनकर जहन्नुम भेजे जाने से पाक के आतंकियों में खौफ बढ़ रहा है।
अब तक सामने आई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कताल को उस वक्त दो अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी, जब वह अपनी गाड़ी में यात्रा कर रहा था। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए कताल आतंकी हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में प्रमुख भागीदारी के कारण भारत की मोस्ट वांटेड सूची में था।
इतने मारे जा चुके :
मारे गये कुख्यात आतंकवादियों के नाम:
पाकिस्तान में लगभग देख साल में दो दर्जन से ज्यादा आतंकवादियों की अज्ञात हमलावरों ने हत्या की है। इनमें दाऊद मलिक, शाहिद लतीफ, मुहम्मद रियाज, जिया उर रहमान, सुखदूल सिंह, अबू कासिम कश्मीरी, सरदार हुसैन अरायन, सैयद नूर शालोबार, बशीर अहमद पीर, सैय्यद खालिद रजा, अय्याज अहमद अहंगार, हरविंदर सिंह संधू, जहूर मिस्त्री आदि प्रमुख नाम हैं।भारत पर आरोप :
पाकिस्तान में अज्ञात हमलावरों की ओर से लगता हो रही भारत विरोधियों की हत्या में भारत का हाथ होने के आरोप लग रहे है। पिछले दिनों पाकिस्तान के टॉप डिप्लोमेट्स एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि इन हत्याओं में भारत की भूमिका के ‘विश्वसनीय सबूत’ मिले हैं। पाकिस्तान के विदेश सचिव मुहम्मद सिरस सज्जाद काजी ने संवाददाताओं से कहा था कि ये हत्याएं सुपारी देकर की गई है। पीओके में मारे गये मुहम्मद रियाज और सियालकोट में मारे गये शाहिद लतीफ की हत्या के पीछे भारतीय एजेट्स को जिम्मेदार ठहराया था। मोहम्मद रियाज आतंकी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था, जबकि शाहिद लतीफ पठानकोट में भारतीय एयरबेस पर हुए हमले में शामिल था।