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REEWA : विधवा, परित्यक्ता, दिव्याङ्ग के साथ गर्भवती को भी पोस्टिंग में प्राथमिकता मिले!

RNE Bikaner.

राजस्थान में डीपीसी के बाद शिक्षकों की काउंसिलिंग के जरिये होने जा रही नियुक्ति के बीच Rajasthan Education Employee Welfare Association (REEWA) ने महिलाओं और दिव्याङ्ग कर्मचारियों से जुड़ी महत्वपूर्ण मांग उठाई है। REEWA ने पोस्टिंग में विधवा, परित्यक्ता, दिव्याङ्ग के साथ गर्भवती शिक्षिकाओं को भी प्राथमिकता देने की जरूरत जताई है। मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री को लिखे पत्र में REEWA के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप जोशी ने गर्भवतियों की शारीरिक स्थिति और उस संबंघ में कोर्ट की ओर से दिये गए आदेश-निर्देश का हवाला भी दिया है।पहले जानिए कौनसी डीपीसी, केसी पोस्टिंग :

प्रदेशाध्यक्ष जोशी की ओर से लिखे गए पत्र के मुताबिक प्राचार्य पद की वर्ष 2023-24 की डीपीसी उपरान्त चयन आदेश दिनांक 24.01.2025 जारी किए गए। चयनित शिक्षाधिकारियों को पदस्थापन के लिए एवं विभिन्न विषय के व्याख्याताओं की डीपीसी वर्ष :2021-22, एवं 2022-23 की डीपीसी उपरान्त आयोजित काउंसलिंग हेतु प्रदर्शित रिक्त पद अधिकांशतः दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। ऐसे में विधवा, परित्यक्ता, महिला, दिव्यांग, गंभीर रोगों (जैसे कैंसर आदि) से पीड़ित शिक्षकों को काउंसलिंग हेतु प्रदर्शित दूरस्थ एवं असुविधाक्षेत्र के रिक्त पदों के चयन में अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।इसलिए दृष्टिबाधितों को मिले प्राथमिकता :

जोशी का कहना है दृष्टि बाधित कार्मिकों के स्थानांतरण/पदस्थान के कम में सरकार के पत्र और आदेश का जिक्र किया है। लिखा है, निदेशालय का पत्रांक शिविरा-माध्य/संस्था/एफ-1ए / स्थानांतरण/वोल-2 दिनांक 26.12.2024 राजकाज रफरेन्स नं0 12664771 के अनुसार 100 प्रतिशत दृष्टिबाधित को स्थानांतरण के प्रस्ताव भी चाहे गए है। उक्त आधार पर ही काउंसलिंग में 100 प्रतिशत दृष्टिबाधित मामलों हेतु उनके इच्छित स्थान का विकल्प खोलने का प्रावधान रखा जाना चाहिए। ‘प्रशासनिक सुधार विभाग के परिपत्र क्रमांक 18/07/2022’ के अनुसार, दिव्यांग शिक्षकों को उनकी इच्छानुसार निकटतम या सुविधाजनक स्थान पर पदस्थापना की व्यवस्था की जाए।गर्भवतियों को इसलिए मिले प्राथमिकता :

गर्भवती महिलाओं को पदस्थापन में राहत माननीय उच्च न्यायालय, जोधपुर में दायर स.बी. सिविल रिट पिटीशन नो. 1905/2025 डेट-28-01-2025 की रोशनी में और सेक्शन 4(3) ऑफ़ द मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट, 1961 में निम्नानुसार प्रावधानों के मद्देनजर राहत प्रदान की जावें। एक आदेश के जिक्र करते हुए कहा गया है, किसी भी गर्भवती महिला को, उसके द्वारा इस संबंध में किए गए अनुरोध पर, उसके नियोक्ता द्वारा उपधारा (4) में निर्दिष्ट अवधि के दौरान कोई भी काम करने की आवश्यकता नहीं होगी जो कठिन प्रकृति का है या जिसमें लंबे समय तक खड़े रहना शामिल है, या जो किसी भी तरह से उसकी गर्भावस्था या भ्रूण के सामान्य विकास में बाधा डाल सकता है, या उसके गर्भपात का कारण बन सकता है या अन्यथा उस पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

मांग की गई है कि गंभीर बीमारियों (विशेषकर कैंसर आदि) से जूझ रहे शिक्षकों के चिकित्सीय प्रमाणपत्रों को स्वीकार करते हुए, उन्हें शहरी या चिकित्सा सुविधा वाले क्षेत्रों में पदस्थापन का उचित मौका दिया जाए। इसके साथ ही महिला शिक्षिकाओं की सुरक्षा एवं सुविधा को ध्यान में रखते हुए, उन्हें दुर्गम ग्रामीण पदों के स्थान पर नगर के निकटवर्ती विद्यालयों में पदस्थापन हेतु काउंसलिंग में उचित स्थानों को सम्मिलित कर राहत दी जाए।

फिर से जारी हो काउंसिलिंग कार्यक्रम :

REEWA की मांग है कि शिक्षकों की व्यक्तिगत समस्याओं को ध्यान में रखते हुए नीतिगत छूट प्रदान कर उल्लिखितानुसार प्रावधानों के तहत पुनः काउंसलिंग कार्यक्रम जारी करवाने का श्रम करे।