
नवाचार, जल्द 12 क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की किताबें, दिसम्बर 2026 से क्षेत्रीय भाषाओं में पुस्तकें उपलब्ध होगी
RNE Network.
संयुक्त राष्ट्र संघ के एक सर्वे में यह तथ्य उभर कर सामने आया कि यदि शिक्षा किसी भी बच्चे को उसकी क्षेत्रीय भाषा मे दी जाती है तो वह तेजी से विकास करता है। उसी का अनुसरण करते हुए केंद्र सरकार ने पानी नई शिक्षा नीति में भी यह तथ्य शामिल किया।नई शिक्षा नीति में यह तय किया गया कि बच्चों को प्राथमिक शिक्षा उसकी मातृभाषा में ही दी जाये। हालांकि उसकी पालना कम राज्यो में ही हुई। केंद्र सरकार की पहल पर मेडिकल, इंजीनियरिंग आदि की पुस्तकें भी क्षेत्रीय भाषाओं में तैयार करने का काम शुरू हुआ।
अब उसके सार्थक परिणाम भी सामने आने लगे हैं। एआईसीटीई दिसम्बर 2026 तक इंजीनियरिंग की किताबें 12 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराएगा। पहले और दूसरे वर्ष के डिप्लोमा व डिग्री पाठ्यक्रम के लिए 600 किताबें तैयार है। हिंदी, असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू भाषाओं में तैयार हुई है।