
Bikaner : बेटी की मौत के बाद न्याय पाने भटक रहे पिता की पांच महीने बाद हुई एफआईआर, क्या निजी हॉस्पिटलों की लूट मौत की जिम्मेदार!
- बीकानेर की मारवाड़ हॉस्पिटल, जयपुर के हॉप हास्पिटल में हुआ इलाज, डा.गोम्बर, डा,प्रियंका मित्तल, डा.अंकित मंगला के खिलाफ एफआईआर
- पिता का आरोप-बिना पूछे स्टेंट डाला, पेट में 200 टांके लगाये, बच्ची गंभीर थी डॉक्टर बीकानेर-जयपुर घुमाते रहे, वेदांता भेज दिया
RNE Bikaner.
अपनी ढाई साल की बेटी को आंखों से सामने तड़पते, मरते देखने के साथ ही बीकानेर, जयपुर, गुड़गांव के बीच डॉक्टर-दर डॉक्टर, हॉस्पिटल दर हास्पिटल चक्कर काटते पिता की आंखों के सामने बेटी ने दम तोड़ दिया। दुख के साथ अफसोस इस बात का है कि जिन डॉक्टर्स पर भरोसा किया उन्होंने अंधेरे मंे रखा। बीकानेर में तबीयत बिगड़ी तो जयपुर भेज दिया। जयपुर में हालात नहीं संभले तो वेदांता भेज दिया। इस बीच बगैर पूछे स्टेंट डाला। पेट में 200 टांके लगा दिये।
यह पीड़ा है बीकानेर के जगदीश खत्री की जिनकी ढाई साल की बेटी हेजल की नवंबर 2024 में मौत हो गई। दुखी पिता ने मारवाड़ हॉस्पिटल, शिशु रोग विशेषज्ञ डा.गौरव गोम्बर, जयपुर के हॉप हॉस्पिटल, जयपुर के डा.अंकित मंगला, डा.प्रियंका मित्तल पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी।
इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने मामले की जांच भी की। इसके बावजूद अब तक न्याय पाने के लिए भटक रहे इस पिता को पहली सफलता यह मिली है कि पांच महीने बाद ही सही आखिरकार आरोपियों के खिलाफ बीकानेर के सदर थाने में एफआईआर दर्ज हो गई। अब पुलिस मामले की पूरी तफतीश करेगी।
ये है पिता का आरोप :
मृतका बच्ची हेजल के पिता जगदीश खत्री का आरोप है कि मासूम के पेट में बिना परमिशन के स्टेंट डाला गया। इसके बाद 200 टांके भी लगाए। इस कारण उसे बार-बार बुखार और यूरिन संक्रमण की परेशानी होती थी। मारवाड़ हॉस्पिटल के शिशु स्पेशलिस्ट डॉ गौरव गोंबर से उसका इलाज कराया। केस बिगड़ा तो डॉ गौरव ने जयपुर के होप हॉस्पिटल के डॉ अंकित मंगला के पास भेज दिया। यहां प्रियंका मित्तल ने भी बच्ची का इलाज किया। उसे कई दिन एडमिट रखा। फिर यूरेटर रिप्लांट व अन्य ट्रीटमेंट के बाद उसे घर भेज दिया। इसके कुछ दिन बाद 20 नवंबर 2024 को बच्ची की मौत हो गई। तीनों आरोपी डॉक्टर्स के खिलाफ 24 अप्रैल 2025 बीकानेर से सदर थाने में केस दर्ज कराया है।