
Chinese Manjha : रुकती क्यों नहीं चाइनीज मांझे की बिक्री, हर बार क्यों होते हैं लोग घायल
- 50 से अधिक लोग मांझे से हुए घायल, एक भी ये मांझा बेचने वाला पकड़ा नहीं गया
- फिर हर बार आदेश निकालने की रस्म क्यों ?,अब प्रशासन किसे जिम्मेदार ठहरायेगा
अभिषेक पुरोहित
सरकारी आदेश –
चाइनीज मांझा प्रबंधित! अक्षय तृतीया से 15 दिन पहले प्रशासन का आदेश !! लोगों ने इस आदेश का भी प्रचार किया !!! उसके बाद भी धड़ल्ले से बेचा गया चाइनीज मांझा !!!!
परिणाम
मांझे से 50 से अधिक लोग घायल ! इलाज के लिए पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर पहुंचे !! 7 की गर्दन पर चोट !!! सैकड़ों पक्षी भी हुए घायल !!!!
ये कहानी है 16 अप्रैल से अक्षय तृतीया के दिन 30 अप्रैल तक की। जिला प्रशासन ने राज्य सरकार के निर्देश पर बीकानेर में भी एक आदेश निकाल चाइनीज मांझे को प्रतिबंधित किया। सख्त कार्यवाही की चेतावनी दी। प्रशासन की भावना के अनुरूप अनेक सामाजिक संस्थाओं ने चाइनीज मांझे की बुराईयां लोगों को बताई ताकि वे न तो खरीदें और न ही उपयोग में लें।
चाइनीज मांझा बेचने वालों को भी लोग चेतावनी दे रहे थे। बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानन्द व्यास भी लगातार लोगों को चाइनीज मांझे के बहिष्कार की अपील कर रहे थे। मगर प्रशासन में जिनके जिम्मे इस मांझे को न बेचने देने की जिम्मेदारी थी, वे लापरवाह बने हुए थे। इसका सबूत मांझे से घायल होकर अस्पताल पहुंचे 50 से अधिक लोग व कई मामूली घायल होने पर अस्पताल तक न आने वाले लोग हैं।
दिक्कत तो इस बात की है कि प्रशासन के पास तो इस तरह की सूची भी नहीं होगी कि अक्षय तृतीया पर कितनी अस्थायी दुकानें शहर में खुली। अगर सूची होती तो अस्थायी अवैधानिक दुकानों पर कार्यवाही तो होती। वहां से चाइनीज मांझा तो पकड़ा जाता। मगर जिम्मेदार प्रशासन इस मामले में आंखें मूंदे रहा। लोग और निरीह पक्षी घायल हो गए। इन घायलों को क्या देगा प्रशासन।
सब खैरियत है….!!!
प्रशासन की तरफ से तो चाइनीज मांझे को लेकर अक्षय तृतीया के बाद अघोषित रूप में यही संदेश दिया गया है कि ‘ सब खैरियत है ‘ । तभी तो एक दुकान में भी इस मांझे को लेकर तलाशी नहीं हुई। किसी भी दुकान पर छापा नहीं मारा गया। किसी भी दुकान पर कोई अधिकारी भी नहीं गया। किसी को भी चाइनीज मांझा बेचते हुए पकड़ा नहीं गया। जो यह साबित करता है कि चाइनीज मांझा न तो बीकानेर में आया और न ही बिका।
जबकि सच हमारे सामने है। 50 से अधिक घायल लोग हैं। सैकड़ो निरीह पक्षी हैं। कई लोगों की चोटिल, घायल अंगुलियां है। इन सबके बारे में प्रशासन के पास है क्या कोई जवाब???
जिला कलेक्टर पूछे सवाल !!
जिला कलेक्टर को अपने उन अधिकारियों से सवाल करना चाहिए कि मेरे प्रतिबंध के आदेश के बाद भी चाइनीज मांझा कैसे बिका। कैसे काम मे लिया गया। लोग और पक्षी कैसे घायल हुए ? जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ यदि कलेक्टर ने इस बार कार्यवाही कर दी तो नजीर बन जाएगी और अगली अक्षय तृतीया पर लोग और पक्षी घायल होने से बच जाएंगे।