
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री अब्दुल्ला मिले पीएम मोदी से, नोसेना प्रमुख ने पीएम को बताई रक्षा तैयारी
RNE Network.
कल की दो मुलाकातों से इस बात का आभाष हो रहा है कि भारत आतंक से ठोस बदला लेने की रणनीति पर काम कर रहा है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को लेकर कई कड़े कदम उठाए हैं। उसी कड़ी में पीएम नरेंद्र मोदी भी लगातार बैठकें कर रहे हैं, जिससे लगता है वे आतंक को करारा जवाब देंगे। वे ये बात बोल भी रहे हैं।
देश मे ये भी पहली बार है कि आतंक के खिलाफ लड़ रही केंद्र सरकार को समूचे विपक्ष ने पूरी तरह से समर्थन दिया है और मोदी को पूरी छूट दी है। इस वजह से ही वे बिना किसी दबाव में आये पाक के खिलाफ कड़ें निर्णय लगातार ले रहे हैं।
पहली मुलाकात, जो थी खास:
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कल पीएम नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की। पहलगाम आतंकी हमले के बाद उनकी पीएम से यह पहली मुलाकात थी। दोनों नेताओं के बीच बैठक 30 मिनट तक चली।
मीटिंग में हाल ही में हुए आतंकी हमले और उसके बाद पैदा हुई सुरक्षा व्यवस्था सहित कई मुद्धों पर चर्चा हुई। बैठक से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के सूत्रों ने बताया था कि उमर अब्दुल्ला पीएम से मुलाकात कर उनको केंद्र सरकार के किसी भी निर्णय में जम्मू कश्मीर प्रशासन की ओर से पूर्ण सहयोग का भरोसा देंगे, खासकर पहलगाम हमले का बदला लेने और देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्धों पर। पीएम व अब्दुल्ला की मुलाकात ऐसे समय मे हुई है जब जम्मू कश्मीर में सुरक्षा चुनोतियाँ बढ़ती जा रही है और केंद्र सरकार पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाने के संकेत दे चुकी है।
दूसरी मुलाकात, दिया पूरा विश्वास:
भारतीय नोसेना ने हाल ही में अरब सागर में अपने अभ्यासों को बढ़ा दिया है, जो खासतौर से भारत के स्पेशल इकोनॉमिक जोन्स में चल रहे हैं, इन अभ्यासों का मकसद क्षेत्र में परिचालन तैयारियों को परखना और सुरक्षा को मजबूत करना है।
इन्हीं युद्धाभ्यास पर नोसेना अध्यक्ष एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने पीएम मोदी के साथ एक घन्टे की बैठक की, जिसमें उन्होंने नोसेना की मौजूदा तैयारियों और उनके एक्टिवनेस की जानकारी दी।