बीकानेर में हाईकोर्ट की ई-ब्रांच खुलेगी, यहां के वकील हाईकोर्ट में ऑनलाइन पैरवी कर सकेंगे
आरएनई, बीकानेर।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ शनिवार को राजस्थान के बीकानेर पहुंचे और यहां ‘हमारा संविधान-हमारा सम्मान’ विषयक सेमिनार को संबोधित किया। भारत के मुख्य न्यायाधीश ने बहुत सहज शब्दों में संविधान और लोकतंत्र का संबंध बताते हुए कहा, देश के हर नागरिक तक संविधान की भावना को पहुंचाना होगा। संविधान की समझ से लोकतंत्र की समझ भी विकसित होगी।बीकानेर के ठाकुर जसवंतसिंह का योगदान:
उन्होंने कहा, संविधान सिर्फ वकीलों ने नहीं बनाया वरन समाज के हर तबके का इसमें योगदान है। कई सामाजिक-राजनीतिक आंदोलनों का इसमें योगदान था। इसलिये संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं है। इसकी आत्म कई युगों की भावना है। इस मौके पर बीकानेर के ठाकुर जसवंतसिंह का भी जिक्र किया। कहा, संविधान निर्माण में बीकानेर का बड़ा योगदान है। संविधान सभा के 284 सदस्यों में एक बीकानेर के जसवंतसिंह थे। महाराजा गंगासिंह प्रिंसेज चैंबर के चांसलर रहे।बीकानेर के वकील भी हाईकोर्ट में कर सकेंगे पैरवी:
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, कोर्ट बने कहीं हो उन पर हक सबका बराबर है। इसी कड़ी में उन्होंने ई-कोर्ट प्रोजेक्ट का जिक्र किया। कहा, ई-कोर्ट फेज-थ्री में सात हजार करोड़ का बजट रखा गया है। उन्होंने बीकानेर में हाईकोर्ट की ई-ब्रांच खोलने की घोषणा करते हुए कहा, यहां के वकील अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बीकानेर से हाईकोर्ट में पैरवी कर सकेंगे।कानून मंत्री अर्जुनराम ने अभियान की बारीकियां बताईं:
केन्द्रीय कानून मंत्री एवं बीकानेर सांसद अर्जुनराम मेघवाल ने ‘हमारा संविधान हमारा सम्मान’ आयोजन के बारे में बताया। कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर पांच विभाग संविधान की बात को जन-जन तक पहुंचाने के लिए आयोजन कर रहे हैं। गणतंत्र के अमृतकाल में हो रहे आयोजन के दौरान रीजनल कॉन्फ्रेंस का जिक्र आया तो इसे बीकानेर में करवाने का प्रयास किया। इसके लिए सीजेआई डा.डी.वाई.चंद्रचूड़ ने सहमति दी उसके लिए आभार माना। मंत्री मेघवाल ने संविधान सभा में ठाकुर जसवंतसिंह और चैंबर ऑफ प्रिंसेस से बीकानेर के महाराजा गंगासिंह और सुप्रीम कोर्ट के जुड़ाव को बताया।कार्यक्रम राजस्थान के विधि मंत्री जोगाराम पटेल, विधायक जेठानंद व्यास, विधायक अंशुमानसिंह, महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित, आर.के.दास गुप्ता, कुलदीप शर्मा, सत्यप्रकाश आचार्य, संपत पारीक, अशोक बोबरवाल आदि मौजूद रहे। संचालन मेघना शर्मा ने किया।