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Alert : Bikaner बंद तो महज शुरुआत, यह आंदोलन पूरे राजस्थान में फैलेगा!

RNE Bikaner.

आज यानी 26 दिसंबर 2024 को राजस्थान के बीकानेर शहर के सभी बाजार बंद हैं। सैकड़ों बंद समर्थक बाजारों में घूम रहे हैं और जहां भी दुकान खुली दिखती है वहां बंद करवा रहे हैं। बंद समर्थकों की ये टोलियां रेलसे स्टेशन, कोटगेट, बड़ा बाजार, परकोटा से लेकर कॉलोनियों के बाजारों तक में घूम रही है। पुलिस भी चप्पे-चप्पे पर तैनात है ताकि कहीं, कोई अनहोनी घटना हो जाएं तो उसे रोका जा सकें। खासतौर पर बंद समर्थकों की गाड़ियों के पीछे-पीछे पुलिस की गाड़ियां दौड़ रही हैं। कहीं भी इक्का-दुक्का दुकानें खुलने की खबर मिलते ही यह बंद समर्थकों की टास्क फोर्स वाहं पहुंच जाती है।

 

अब जानिये बंद क्यों है, किसने करवाया है:

दरअसल बीकानेर बंद का ऐलान यूं तो सर्व समाज के बैनर से किया गया लेकिन मुख्य रूप से बिश्नोई समाज ने शहर बंद करवाने का ऐलान किया था। इसकी वजह है कि लगातार लग रहे सोलर प्लांट की वजह से अंधाधुंध हो रही पेड़ों की कटाई। खासतौर पर खेजड़ी पेड़ को काटा जा रहा है जिसे पर्यावरण के साथ धार्मिक आस्था से भी देखा जाता है। यह ऐसा पेड़ जिसके लिये अमृतादेवी सहित सैकड़ों ने जान दे दी थी। ऐसे में बंद के दौरान ‘खेजड़ी काटना बंद करो’ और ‘अमृता देवी का बलिदान, याद रखेगा हिन्दुस्तान’ जैसे उद्घोष लग रहे हैं।

बीकानेर में ही बंद क्यों!

बीकानेर जिले के नोखा दहिया गांव में बड़ी तादाद में खेजड़ी के पेड़ काटे गये। उसके खिलाफ वहां रामगोपाल बिश्नोई की अगुवाई में धरना दिया जा रहा है। धरना चलते हुए 160 दिन से ज्यादा हो गये। इससे पहले बीकानेर शहर में खेजड़ी बचाओ अभियान के दौरान लंबा धरना दिया गया। बाद में सीएम से वार्ता में मिले आश्वासन के बाद यह आंदोलन स्थगित कर दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है, सरकार ने आश्वासन दिया मगर पूरा नहीं किया। ऐसे में अब आंदोलन का नये सिरे से आगाज होगा।

आगे क्या !

प्रदर्शनकारियों का कहना है, 30 दिसंबर को मुकाम में बड़ी सभा करेंगे जिसमें कार्ययोजना बनेगी। मुकाम जांभोजी महाराज की समाधि और तीर्थस्थल है। यहां बिश्नोई समाज का बड़ा मेला जुटता है। इसी समय में आगे के आंदोलन की रणनीति बनेगी। मोटो तौर पर जिन विकल्पों पर विचार किया जा रहा है उनमें प्रदेश के दूसरे हिस्सों में आंदोलन तेज करने के साथ ही विधानसभा का घेराव करना भी शामिल है।

ये रहे बंद की अगुवाई में :

यूं तो बंद समर्थकों का कोई संगठन या एक नेतृत्व घोषित नहीं है लेकिन मोटे तौर पर्यावरण संघर्ष समिति खेजड़ला के अध्यक्ष रामगोपाल बिश्नोई, पर्यावरणविद सज्जन कुमार, मूलचंद जहांगीर, रामप्रताप वर्मा, अरूण कुमार बैद, गिरधारी कूकणा, मोखराम, पूर्व पार्षद मनोज बिश्नोई आदि इसमें शामिल हैं।

जानिये क्या है बंद समर्थकों के तर्क:

सौर ऊर्जा के लिए हजारों साल के प्रकृति वरदान खेजड़ी को काटा जा रहा है जो कि इस इलाके के लिए जीवनदायी वृक्ष है।

पृथ्वी का तापमान 1850 की तुलना में 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है। यह आधा डिग्री और बढ़ गया तो जीव-जगत सहन नहीं कर पाएगा। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि तापमान लगातार बढ़ेगा।
आरोप है कि कॉरपोरेट कंपनियां, सरकारें संवेदनहीनता की हदें पार की चुकी हैं। दुनिया मंे युद्ध चल रहे हैं। कहीं भी परमाणु उपयोग हो गया तो इसके परिणाम इतने विनाशकारी होंगे जिसकी कल्पना से ही रूह कांप जाती है।
पूरी पृथ्वी के जीव-जगत को बचाने की कोशिश की शुरुआत बीकानेर से हो रही है।

पूर्व विधायक बिहारी बिश्नोई ने सीएम से की ये अपील :

नोखा के पूर्व भाजपा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने कहा है कि बीकानेर जिले के नोखा दैया मे सोलर प्लांट्स लगाने के लिए लगातार खेजड़ी के पेड़ों को काटा जा रहा है। इस सम्बन्ध मे माननीय मुख्यमन्त्री जी से प्रतिनिधि मंडल के साथ व व्यक्तिश मिलकर अंधा धुंध खेजड़ी पेड़ों की कटाई को रोकने हेतु कानून बनाने की मांग की थी। अभी 3-4 दिन पहले फिर सोलर कम्पनियों द्वारा सेकड़ो पेड़ काटे गए है जिससे पर्यावरण प्रेमियों मे भारी रोष है। इसी रोष के चलते बीकानेर बन्द किया जा रहा है। मुख्यमन्त्री जी से आग्रह है कि तत्काल प्रतिनिधि मंडल को विस्तृत चर्चा हेतु बुलाये और पर्यावरण प्रेमियों की भावना अनुसार सकारात्मक निर्णय लें।

 

देवीसिंह भाटी आंदोलन के समर्थन में :

पूर्व मंत्री एवं दिग्गज भाजपा नेता देवीसिंह भाटी ने खेजड़ी बचाने के आंदोलन का समर्थन किया है। भाटी ने अपील में कहा है कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर खेजड़ी को बचाने के संघर्ष में सभी लोग स्व-प्रेरणा से अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।