अल्गोरिदम पकड़ लेगा इस झूठ को, एनवीएनाआईटी ने विकसित की तकनीक
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जुकाम का झूठा बहाना बनाकर छुट्टी मांगने वालों की अब खेर नहीं। सरदार वल्लभ भाई पटेल प्रौधोगिकी तकनीक संस्थान के प्राध्यापक ने ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे आर्टिफिशियल इंटलीजेंस ( एआई ) का उपयोग कर व्यक्ति की आवाज की गति और लक्षण से पता लगाया जा सकेगा कि उसे जुकाम है या नहीं।
एसवीएनआईटी के इलेक्ट्रॉनिक विभाग के प्राध्यापक डॉ सुमन देब और उनके मार्गदर्शन में पीएचडी कर रहे पंकज वारुले और सिबा मिश्रा ने स्पीच बेस्ड कॉमन कोल्ड डिटेक्शन सिस्टम प्रणाली पर शोध किया। शोधपत्र बायोमेडिकल सिग्नल प्रोसेसिंग एंड कंट्रोल जर्नल में छपा है। शोध जर्मनी की रेहनीश यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता जेरेक के साथ मिलकर किया गया। इसमें सामान्य व्यक्ति के साथ जुकाम के शिकार व्यक्ति की आवाज का परीक्षण किया गया।
630 से अधिक आवाजों की जांच:
शोध में 630 से अधिक आवाजों का परीक्षण किया गया। सभी को रिकॉर्ड कर जांच की गई। जुकाम का शिकार होने पर व्यक्ति की आवाज और गति में काफी बदलाव आ जाता है। आवाजों की जांच कर शोधपत्र तैयार किया गया। इसमें एआई की सहायता ली गई। अब आवाज में खांसी का पता लगाने पर शोध किया जा रहा है।