NOKHA : सांस्कृतिक वैभव को जीवंत रखने का दिया संदेश
RNE, NOKHA (BIKANER) .
अखिल भारतीय साहित्य परिषद की नोखा इकाई के द्वारा भारतीय नवसंवत्सर के स्वागतोत्सव पर सेवा भारती कार्यालय में बैठक का आयोजन हुआ । कार्यक्रम में साहित्य परिषद नोखा के अध्यक्ष जयदेव बीठू ने बताया कि हमें अपने सांस्कृतिक वैभव को जीवंत रखते हुए सांस्कृतिक मूल्यों और नैतिक मूल्यों से नई पीढ़ी को अवगत कराना चाहिए।
इस अवसर पर राजेंद्र सिंह राठौड़ ने भारतीय आयुर्वेद व योग परंपरा पर विदेशी दवा कंपनियों के षड्यंत्रपूर्वक किये जा रहे आघात को विस्तार से समझाते हुए कहा कि हम सब भारतीयों की तटस्थता और उदासीनता से विदेशी ताकतें अपने कुचक्रों में सफल हो रही हैं और कानूनी दाँवपेचों में शत्रु देश धनबल से जीतते अवश्य दिखायी दे रहे हैं पर हम भारतीयों के जनबल के संकल्प के समक्ष वो कहीं टिक नहीं पाएँगे।
भाषाविद् बद्रीनारायण कुमावत ने आपातकाल के दौरान संविधान के मूल स्वरूप के विरूपण के पीछे की साजिशों को विस्तार से बताया। उप – प्राचार्या व कवयित्री अर्चना शर्मा ने भी समाज में साहित्य की दिग्दर्शक भूमिका व आँचलिक प्रभावों को उदाहरणपूर्वक स्पष्ट किया ।
इस अवसर पर साहित्य परिषद् के ओजस्वी व प्रखर वक्ता जयकरण चारण, रसायनशास्त्री प्रेमरतन भोजक , भौतिकशास्त्री प्रियंका सैनी, इतिहासकार शंकरलाल मेघवाल, साहित्यप्रेमी सहदेव चौधरी , श्रीमती संतोष बीठू , श्रीमती संतोष सोनी, पप्पूसिंह राठौड़, युवा साहित्यकार जयप्रकाश लखारा , अमित कुमार बिश्नोई सहित साहित्य परिषद के सदस्य व अनेक प्रबुद्धजन उपस्थित थे ।