कर्मों के अनुसार फल की प्राप्ति:- प्रभु प्रेमी महाराज
आरएनई, नोखा।
लखोटिया प्याऊ के पास चल रही विशाल श्रीमद् भागवत कथा में भागवत आचार्य कन्हैयालाल पालीवाल प्रभु प्रेमी महाराज ने कहा कि कर्मों के अनुसार सुख और दुख का फल मिलता है।
भगवान श्री कृष्ण गीता मे भी कर्म की प्रधानता बताते हैं। प्रभु प्रेमी महाराज गोवर्धन धारण प्रसंग की व्याख्या करते हुए कहते है की कोई किसी को सुख याँ दुख नहीं देता है सब अपने कर्मों का फल भोंगते हैं | प्रारब्ध की अपनी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
महाराज ने पर्यावरण संरक्षण की महती आवश्यकता बताते हुए कहां की प्रत्येक मनुष्य को प्रकृति संतुलन व संरक्षण के लिए वृक्षारोपण कर अपना योगदान देना चाहिए। प्रभु प्रेमी महाराज ने प्रत्येक मनुष्य को कम से कम 11 वृक्ष लगाने की अपील की।
महारास प्रसंग को जीव का शिव से, आत्मा का परमात्मा से मिलान बताया बुरे कर्म वालों को प्रकृति सजा देती है कंस अपने पाप के कारण दुर्गति व बदनामी को प्राप्त हुआ।
छठे दिन कथा सत्र के अंतिम चरण में भगवान श्री कृष्ण व रुक्मणी जी का धूमधाम से मंगल विवाह हुआ। हजारों की संख्या में खचाखच भरे पंडाल में सभी श्रोतागण खुशी से नाचने लगे। पुष्पों की वर्षा की गई, ढोल नगाड़ों के साथ मधुर भजनों की प्रस्तुति महाराज के साथ आए संगीताचार्य पुखराज सेवग, अजय गट्टानी, रवि पुरोहित, रवि शर्मा ने मधुर प्रस्तुतियां दी।
आयोजक राधा देवी लाहोटी, जुगल किशोर, नंदकिशोर, राजू, संतोष, सीताराम लाहोटी ने रुक्मणी व श्री कृष्ण का पूजन किया व महाराज श्री से आशीर्वाद लिया। गौ सेवार्थ राशि की कड़ी में संगीता लीलाधर बजाज ने 11000 रुपए चमत्कारी हनुमान भजन मंडली ने 7100 रुपए गौ सेवार्थ भेंट किये। 9 मई को कथा का सातवां व विश्राम दिन होगा। 9 मई गुरुवार को प्रभु प्रेमी गौशालाओं को राशि भेंट करेंगे।