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आपदा राहत कार्यों में मुस्तैदी बरतने, प्रभावितों के लिए सभी जरूरी सामग्री सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

  • मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अतिवृष्टि और जलभराव प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया
  • करौली, दौसा, भरतपुर जिलों में लिया हालात का जायजा
  • आपदा राहत कार्यों में मुस्तैदी बरतने, प्रभावितों के लिए सभी जरूरी सामग्री सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

RNE, JAIPUR. 

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंगलवार को करौली, दौसा और भरतपुर जिलों में जलभराव व अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने राजकीय पीजी महाविद्यालय करौली में संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर जलभराव वाले क्षेत्रों में आपदा राहत कार्य मुस्तैदी से किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने दौसा जिले में लवाण, राहुवास, निर्झरना, लालसोट, करौली जिले में करौली, सपोटरा, हिण्डौन सिटी और भरतपुर जिले में महरावर, समोगर, धुरैरी, महुआली, नहरौली, थाना डांग, चहल, सिंघाडा, सीदपुर, पुराबाई खेडा और नदी गांव का हवाई सर्वे कर अतिवृष्टि से हुए जल भराव और नुकसान का जायजा लिया।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जलभराव क्षेत्रों में प्रभावित लोगों को पेयजल, खाद्य सामग्री, दूध, चिकित्सा सुविधा सहित जरूरी चीजों की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अब तक किये गये आपदा राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी लेते हुए करौली एवं हिण्डौन शहर में जल भराव की समस्या का स्थाई समाधान करने के लिये भी अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और विद्युत आपूर्ति सुचारू किए जाने के भी निर्देश दिए।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव (आपदा प्रबंधन एवं राहत) श्री आनंद कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) श्री शिखर अग्रवाल, जिला प्रभारी सचिव श्री आशुतोष एटी पेडणेकर, संभागीय आयुक्त श्री सांवरमल वर्मा, पुलिस महानिरीक्षक भरतपुर रेंज श्री राहुल प्रकाश, जिला कलक्टर श्री नीलाभ सक्सेना, पुलिस अधीक्षक श्री बृजेश उपाध्याय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

भरतपुर में आवासीय क्षेत्रों से जल निकासी की समुचित व्यवस्था के दिए निर्देश : 

मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने भरतपुर जिले में हवाई सर्वे के दौरान जलभराव क्षेत्रों के साथ-साथ गम्भीर नदी के तटीय क्षेत्रों का जायजा भी लिया। उन्होंने झील का बाड़ा हैलीपेड पर प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक लेकर पानी निकासी एवं राहत कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने गम्भीर नदी के तटीय क्षेत्रों में बसे नागरिकों को बहाव क्षेत्र से दूर रहने के लिए प्रेरित करते हुए जलभराव से प्रभावित गांव में मूलभूत सुविधाओं को सुचारू रखते हुए निरंतर सम्पर्क में रहने के निर्देश दिए। उन्होंने जल भराव प्रभावित आवासीय क्षेत्रों में जल निकासी की व्यवस्था की जानकारी ली और निर्देश दिए कि अत्यधिक वर्षा के दौरान जलस्त्रोतों के आसपास आमजन को नहीं जाने के लिए पाबंद किया जाए।

इस दौरान विधायक श्रीमती ऋतु बनावत, बहादुर सिंह कोली, डॉ. शैलेष सिंह सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, जिला प्रभारी सचिव श्रीमती शुचि त्यागी, जिला कलक्टर डॉ. अमित यादव व जिला पुलिस अधीक्षक श्री मृदुल कच्छावा एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

श्रीनगर गांव पहुंचकर बाणगंगा नदी में डूबे युवकों के परिजनों को बंधाया ढांढस : 

मुख्यमंत्री शर्मा ने पिछले 11 अगस्त को बयाना उपखंड के पिदावली ग्राम के पास बाण गंगा नदी के गड्ढे में डूबे 7 युवकों के घर श्रीनगर गांव पहुंच कर घटना पर दुख व्यक्त किया एवं परिवारजनों को ढ़ांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और राज्य सरकार दुख की इस घड़ी में परिजनों के साथ है। राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक मृतक के परिजनों को एसडीआरएफ मद से चार-चार लाख रुपए की सहायता राशि दी गई है। मुख्यमंत्री ने जिला कलक्टर को निर्देश दिए कि मृतक आश्रितों को पात्रता के अनुसार सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाया जाये तथा उनकी समस्याओं का निराकरण कराया जाए।