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Jagannath Temple: जिस खजाने से सांप फुफकारने की आवाजें आती थी वह 46 साल बाद खुला

  • जगन्नाथजी का रत्न भंडार खुला आभूषणों की गिनती होगी, लिस्ट बनेगी, बड़े बॉक्स मंगवाये
  • कहीं सच में सांप ना हो, इस आशंका के देखते दरवाजे खोलने से पहले सपेरे बुलाये
  • अनहोनी की आशंका में मेडिकल टीम तैनात की
  • सब कुछ शांतिपूर्ण हो गया

RNE Network, Puri

आखिरकार 46 साल का इंतजार खत्म हुआ और 1978 के बाद आज पूरी के जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार खोल दिया गया। सालों से यह अफवाह थी कि इस खजाने की रक्षा बड़े-बड़े सांप कर रहे हैं। कई बार कहा जाता रहा है कि रत्न भंडार से सांपों के फुफकारने की आवाजें आती है। इसी को देखते हुए खजाने के दरवाला खोले से पहले एक्सपर्ट सपेरों को बुलाया गया। इतना ही नहीं किसी अनहोनी की आशंका के मद्देनजर मेडिकल टीमें भी नियुक्त की गई।

जानिए क्या है पूरा घटनाक्रम :

दरअसल पुरी का जगन्नाथ मंदिर आज,14 जुलाई 2024 को उस रत्न भंडार खुलने के ऐतिहासिक पल का गवाह बन गया। इससे पहले रत्न भंडार 1978 में खोला गया था। ऐसे में 46 साल बाद ओडिशा सरकार ने भगवान जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को खोला, ताकि आभूषणों और अन्य कीमती सामानों की लिस्ट बनाई जा सके।

पहले भगवान की पूजा-अर्चना

उड़ीसा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ की अध्यक्षता वाली विशेष समिति के सदस्य सौमेंद्र मुदुली ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से गठित 16 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति ने 14 जुलाई को रत्न भंडार को फिर से खोलने की सिफारिश की थी। पारंपरिक पोशाक के साथ हम सबसे पहले मंदिर के अंदर भगवान लोकनाथ की पूजा-अर्चना की. एहतियात के तौर पर पहले अधिकृत कर्मचारी और एक सपेरा रत्न भंडार में गया।

सांप होने की बात को बताया अफवाह

भगवान बलभद्र के मुख्य सेवक हलधर दास महापात्र ने रत्न भंडार के लंबे समय से बंद रहने का हवाला देते हुए मरम्मत के लिए राज्य सरकार की ओर से इसे फिर से खोलने की आवश्यकता पर बल दिया था। रत्न भंडार के अंदर संरक्षक के रूप में एक सांप के होने की अफवाहों पर दास महापात्र ने स्पष्ट किया कि ऐसी कोई अड़चन नहीं है। उन्होंने सरकार को संग्रहित मूल्यवान सामानों का वजन न कराने की सलाह दी, इसके बजाय वस्तुओं की गिनती करने और उन्हें फिर से सील करने का सुझाव दिया।

खजाना, खुला, अब मरम्मत होगी :

राज्य सरकार की ओर से खजाने में रखी कीमती वस्तुओं की सूची बनाने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश बिश्वनाथ रथ ने बताया कि जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार दोपहर एक बजकर 28 मिनट के बाद खोला गया। बिश्वनाथ रथ ने कहा कि पुरी में हुई समिति की एक बैठक में यह फैसला लिया गया। समिति के सदस्यों में श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाधी भी शामिल हैं।12वीं सदी के इस मंदिर के रखरखाव का काम देखने वाला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) इस अवसर का उपयोग खजाने के मरम्मत कार्य के लिए भी करेगा।