Bikaner : जेल के बंदियों ने “Ashayen : The Jail Band” बनाया, रवींद्र रंगमंच पर खास प्रस्तुति
अनूठा बैंड-खास सिंगर, गाना-इतनी शक्ति हमें देना दाता..
Bikaner : जेल में बंदियों ने “Ashayen : The Jail Band” बनाया, रवींद्र रंगमंच पर खास प्रस्तुति
RNE Bikaner.
पीला कुर्ता, सफेद पायजामा और कंधों पर चमकीला दुपट्टा। कोई माइक्रोफोन पर आलाप ले रहा तो किसी की अंगुलियां तबले पर थिरक रही। कोई कोरस में शामिल तो कोई किसी और साज पर तैनात। पहली ही धुन गूंजी “इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो ना..।” यह नजारा है बीकानेर के रवींद्र रंगमंच का। सुखद आश्चर्यवाली बात यह है कि गाने-बजाने वाले कलाकार कोई पेशेवर नहीं वरन बीकानेर जेल में सजा काट रहे बंदी हैं। इन्होंने अपना बैंड बनाया हैं जिसका नाम है “Ashayen : The Jail Band”।
दरअसल बीकानेर केंद्रीय कारागार की जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल के निर्देशन में तैयार इस बैंड के हर सदस्य को किसी न किसी वाद्य यंत्र पर पारंगत किया गया है। बैंड समय-समय पर होने वाले कार्यक्रमों में अपनी प्रस्तुति देगा।
शुक्रवार को जब बैंड के सदस्य रविंद्र रंगमंच पर प्रस्तुति दे रहे थे तब संभागीय आयुक्त वंदना सिंघवी और जिला कलेक्टर नम्रता भी उपस्थित रही। लगभग एक घंटे तक दर्जनभर से ज्यादा गीतों की प्रस्तुतियां दी। हर गीत ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। बंदियों ने राष्ट्र भक्ति से ओत-प्रोत गीतों की शानदार और मनमोहक प्रस्तुतियां दी। वहीं राजस्थान की सुरंगी संस्कृति से जुड़े मधुर लोक गीत भी प्रस्तुति दी। बंदियों ने इतनी शक्ति हमें देना दाता, कभी अलविदा ना कहना, मिसरी रो बाग, हरियो पोदीणो जैसे गीतों की प्रस्तुतियां देकर शमां बांध दिया।
कलेक्टर नमृता वृष्णि ने कहा कि केंद्रीय कारागृह ने बेहतरीन नवाचार करते हुए बंदियों के हुनर को पहचाना है। इससे बंदियों के जीवन में उम्मीद की नई किरण जगेगी और ये एक बार फिर समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकेंगे। इनमें सजायाफ्ता बंदी शफीक मोहम्मद, सलमान, बादशाह, कमल, गंगा सिंह सहित करीब एक दर्जन बंदी इस बैंड के सक्रिय सदस्य है।
जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने बताया कि राजस्थान जेल विभाग के महानिदेशक गोविंद गुप्ता के मार्गदर्शन में यह पहल की गई है। केंद्रीय कारागृह द्वारा बंदियों के हुनर को तराशने के उद्देश्य से इन्हें गीत-संगीत का प्रशिक्षण दिया गया।
बंदियों के बनाए उत्पादों की प्रदर्शनी ‘आशायें’ :
केंद्रीय कारागृह के बंदियों द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी ‘आशायें’ का उद्घाटन शुक्रवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश अतुल कुमार सक्सेना, जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि तथा पुलिस अधीक्षक कावेंद्र सागर ने किया।
प्रदर्शनी में लोहे का पीढ़ा, हैंडमेड पेंटिंग, मसाले, इको फ्रेंडली पेन, कपड़े, कुर्ते, लोहे के चूल्हे, दरियां, फिनायल और सीख झाड़ू आदि प्रदर्शन एवं विक्रय के लिए रखा गया। इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सक्सेना ने कहा कि केंद्रीय कारागृह प्रशासन द्वारा बंदियों के हुनर को पहचानते हुए उन्हें स्वालंबी बनाने का प्रयास किया गया है। यह उनके पुनर्वास के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कहा कि कारागृह प्रशासन द्वारा किया जा रहे नवाचार समाज के लिए नजीर है।
जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने कहा कि बंदियों के समय का सदुपयोग हो तथा वे समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकें, इसके मद्देनजर यह पहल की गई है। कारागृह अधीक्षक सुमन मालीवाल ने कहा कि सभी बंदियों को इसके लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इसकी आमदनी का 25 प्रतिशत हिस्सा उनके पीड़ित पक्ष को मिलेगा। समाज में लौटने पर यह बंदी कौशल के साथ मुख्यधारा से जुड़ेंगे। इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव मांडवी राजवी, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजेश कुमार सहित पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।