बीकानेर: शहर भाजपा महामंत्री मोहन सुराणा, सत्यप्रकाश आचार्य के साथ पदाधिकारियों-नेताओं ने अर्जुनराम से नतीजों पर अनौपचारिक बात की
- चुनाव में अच्छी परफॉर्मेंस वाले पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं को मिलेगी तवज्जो
आरएनई, नेटवर्क।
लगातार चौथी जीत के बाद एक बार फिर केन्द्र में मंत्री बने बीकानेर सांसद अर्जुनराम मेघवाल के घर बधाई देने वालों का तांता लगा है। बीकानेर से भी बड़ी तादाद में नेता, पदाधिकारी, कार्यकर्ता और शहर के प्रबुद्ध लोग दिल्ली पहुंचे हैं और बधाइयां दे रहे हैं। इन सबके बीच बीकानेर भाजपा के प्रतिनिधि मंडल ने महामंत्री मोहन सुराणा एवं लोकसभा संयोजक डा.सत्यप्रकाश आचार्य के साथ दिल्ली पहुंचकर मेघवाल को फिर से मंत्री बनने पर बधाई दी है। इन नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया है जिन्होंने बीकानेर के जनादेश केा मान देते हुए यहां के प्रतिनिधि को एक बार फिर अपने मंत्रि परिषद में जगह दी। भाजपा नेताओं ने चुनाव नतीजों पर भी अनौपचारिक बातचीत की।
मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत को भी बधाई दी:
बीकानेर के प्रतिनिधि मंडल ने जोधपुर के सांसद और एक बार फिर केन्द्रीय मंत्री बने गजेन्द्रसिंह शेखावत से मिलकर उन्हें भी बधाई दी। भाजपा नेताओं ने इस बात पर खुशी जताई कि मोदी 3.0 सरकार में राजस्थान से सीटें कम होने के बावजूद मंत्रिमंडल में भागीदारी बढ़ी है। प्रदेश के चार सांसदों को मंत्रिमंडल में जगह मिली है। भाजपा के इस प्रतिनिधि मंडल में आचार्य एवं सुराणा के साथ ही श्याम सुंदर चौधरी, संपत पारीक, अनिल शुक्ला, गोपाल अग्रवाल, शिवजी अग्रवाल आदि शामिल रहे।
बीकानेर के नतीजों ने चौंकाया:
गौरतलब है कि इस बार मंत्री अर्जुनराम बीकानेर लोकसभा के आठ में से चार विधानसभा क्षेत्रों में पिछड़ गए। देहात की सीटों पर पिछड़ने के साथ ही एकबारगी मुकाबला काफी टक्कर वाला लगने लगा लेकिन बीकानेर शहर की दो सीटों पर मिली जबरदस्त लीड ने अर्जुनराम को चौथी बार जीत का सेहरा पहना दिया। ऐसे में उन्होने शहर के कार्यकर्ताओं-पदाधिकारियों का आभार माना वहीं देहात में जहां भी कमजोरी रह है वहां मिलकर नये सिरे से पार्टी का काम आगे बढ़ाने पर बात होगी।
भाजपा में बदलाव:
माना जा रहा है कि भाजपा में संगठनात्मक रूप से बड़ा बदलाव होने वाला है। जे.पी.नड्डा को मंत्री बनने के बाद जहां राष्ट्रीय स्तर पर अध्यक्ष बदलना लगभग तय है वहीं राजस्थान में भाजपा की परफॉर्मेंस के बाद यहां भी प्रदेशाध्यक्ष बदलने की सुगबुगाहट है। इसके साथ ही चुनाव नतीजों की भी समीक्षा होगी और पार्टी उन कार्यकर्ताओं-पदाधिकारियों को विशेष तवज्जो देगी जिन्होंने चुनाव में जी-जान से जुटकर नतीजे हासिल किये। जहां पार्टी पिछड़ी है वहां पर खास समीक्षा होगी।