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बीकानेर के सांसद अर्जुनराम मेघवाल पेश करेंगे ‘एक देश – एक चुनाव’ बिल

  • कल हमारे सांसद अर्जुनराम ‘ एक देश – एक चुनाव ‘ बिल पेश करेंगे
  • कानून मंत्री के रूप में लोकसभा में बिल पेश करेंगे

अभिषेक आचार्य

RNE Special

हमारे संसदीय क्षेत्र बीकानेर से लगातार तीन बार सांसद चुने जाने वाले लोकप्रिय नेता व अपनी बीकानेरी पगड़ी से संसद व देश में खास पहचान बनाने वाले बीकानेर के लाडले अर्जुनराम मेघवाल कल सोमवार को लोकसभा में ऐतिहासिक ‘ एक देश – एक चुनाव ‘ का बिल पेश करेंगे। ये बिल वे देश के कानून मंत्री के रूप में पेश करेंगे। बीकानेर वासियों के लिए यह गर्व की बात है कि उनका सांसद दूसरी बार संसदीय लोकतंत्र में इतिहास रचेगा। ये इतिहास वे पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में रच रहे हैं।

हमारे लाडले सांसद व देश के कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने इससे पहले संसद में महिला सशक्तिकरण बिल पेश कर इतिहास रचा था। उस बिल में महिलाओं को लोकसभा, विधानसभाओं में आरक्षण यानी उचित प्रतिनिधित्व देने का प्रावधान था। वह बिल संसद से पारित भी हुआ। कल वे दूसरा लोकतंत्र का ऐतिहासिक काम करेंगे ‘ एक देश – एक चुनाव ‘ का बिल पेश करके। बीकानेर कल फिर पूरे देश में गौरवान्वित होगा।

संसदीय कार्य सूची के अनुसार एक देश – एक चुनाव प्रणाली लागू करने के लिए सोमवार को लोकसभा में जरुरी विधेयक पेश किए जाएंगे। लोकसभा की कार्यसूची के अनुसार बीकानेर के सांसद व कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ करवाने के लिए 129 वां संविधान संशोधन विधेयक पेश करेंगे।


साथ ही विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर, दिल्ली और पांडुचीरी में एक साथ चुनाव के लिए संघ राज्य क्षेत्र कानून ( संशोधन ) विधेयक 2024 पेश करेंगे। माना जा रहा कि संविधान संशोधन विधेयक को सदन में पेश किए जाने के बाद इसे व्यापक चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति ( जेपीसी ) को सौंपा जा सकता है। संसद से विधेयक पारित होने के बाद व राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद नई व्यवस्था तब से लागू होगी जब केंद्र सरकार इसे आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना द्वारा तय करेगी।


ये संशोधन होंगे इससे:

  • संविधान में अनुच्छेद 82 ए ( 1 से 7 ) जोड़ा जाएगा। इससे लोकसभा – विधानसभाओ के एक साथ चुनाव हो सकेंगे। राष्ट्रपति आम चुनाव के बाद लोकसभा की पहली बैठक के दिन अधिसूचना जारी कर अनुच्छेद के प्रावधानों को लागू करेंगे। यह तिथि नियत तिथि कहलाएगी।
  • नियत तिथि के बाद सभी मौजूद विधानसभाओं का कार्यकाल लोकसभा के पूर्ण कार्यकाल तक रहेगा। लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होने पर लोकसभा व विधानसभाओं के एक साथ आम चुनाव होंगे। चुनाव आयोग किसी विधानसभा का चुनाव बाद में भी करा सकेगा।
  • 2 मध्यावधि चुनाव : अनुच्छेद 83 में खण्ड 3 से 7 जुड़ेगा। यदि लोकसभा 5 वर्ष की पूर्ण अवधि से पहले भंग होती है तो नई लोकसभा का गठन शेष अवधि के लिए ही होगा। अनुच्छेद 172 में संशोधन के जरिये यही व्यवस्था विधानसभाओं के लिए होगी।