यूजीसी डिफाल्टर यूनिवर्सिटी लिस्ट: 14 राजस्थान, इनमें 07 सरकारी, 03 बीकानेर में
- खतरा : यूजीसी मान्यता पर छा सकते हैं संकट के बादल,
- मामला : स्टूडेंट्स की शिकायतों का समाधान करने लोकपाल नियुक्त नहीं किये
आरएनई, नेटवर्क।
राजस्थान की 14 यूनिवर्सिटी यूजीसी मानकों पर खरी नहीं उतर रही है। ऐसे में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने इन विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर घोषित करते हुए सूची जारी की है। राजस्थान के 14 डिफॉल्टर यूनिवर्सिटी में से सात सरकारी है। इनमें तीन बीकानेर के हैं। बीकानेर में महाराजा गंगासिंह, राजूवास और केशवानंद तीनों सरकारी यूनिवर्सिटी को डिफाल्टी घोषित किया गया है।
मामला क्या है : देश के 157 विवि डिफॉल्टर
यूजीसी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार लोकपाल की नियुक्ति न करने के कारण 157 विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर घोषित किया है। ऐसे में विश्वविद्यालयों को मान्यता खोने का खतरा है, जिससे छात्रों की डिग्री प्रभावित होगी। 157 विश्वविद्यालयों की इस सूची में राजस्थान के 7 सरकारी विश्वविद्यालय सहित 14 विश्वविद्यालयों के नाम शामिल हैं।
Rajasthan : ये 14 डिफॉल्टर विश्वविद्यालय
1. अपेक्स यूनिवर्सिटी, जयपुर
2. मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी, जोधपुर
3. पैसिफिक मेडिकल यूनिवर्सिटी, उदयपुर
4. प्रताप यूनिवर्सिटी, जयपुर
5. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय, निम्बाहेड़ा चित्तौड़गढ़
6. जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी, जोधपुर
7. जय मिनेश आदिवासी यूनिवर्सिटी, कोटा
8. बाबा आमटे दिव्यांग यूनिवर्सिटी, जयपुर
9. जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी, जोधपुर
10. महाराजा गंगा सिंह यूनिवर्सिटी, बीकानेर
11. राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ वेटरनरी एंड एनिमल साइंस, बीकानेर
12. स्वामी केशवानंद राजस्थान एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, बीकानेर
13. यूनिवर्सिटी ऑफ कोटा, कोटा
14. विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी, जयपुर
MP में सबसे ज्यादा डिफॉल्टर विवि :
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने देश की 157 यूनिवर्सिटीज को डिफॉल्टर घोषित किया हैं। इनमें सर्वाधिक 16 विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश के हैं जिन्हें डिफॉल्टर की सूची में डाला गया है। कुल 108 सरकारी, 47 प्राइवेट और 2 डीम्ड यूनिवर्सिटीज को डिफॉल्टर घोषित किया गया है। तय समय और नियमानुसार विश्वविद्यालयों में लोकपाल की नियुक्ति नहीं करने पर यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) ने 157 डिफॉल्टर विश्वविद्यालयों की सूची जारी की है।कर दिया है।
इसलिए डिफॉल्टर :
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सभी विश्वविद्यालयों को लोकपाल की नियुक्ति करना अनिवार्य किया है। लोकपाल की नियुक्ति के लिए भी कई प्रावधान तय किए गए हैं। इनमें सेवानिवृत्त न्यायाधीश को लोकपाल नियुक्त करने सहित अन्य प्रावधान शामिल हैं। जिन विश्वविद्यालयों ने नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए लोकपाल नियुक्त नहीं किए। उन विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर घोषित किया गया है। डिफॉल्टर विश्वविद्यालयों को यूजीसी की ओर से चेतावनी जारी की गई है।