राजस्थान के श्रेष्ठ कलमकार होंगे राजस्थानी भाषा पुरस्कारों से सम्मानित
आरएनई,बीकानेर।
राजस्थानी भाषा की श्रेष्ठ किताबों के लेखकों को मिलने वाले प्रतिष्ठित नेम प्रकाशन राजस्थानी भाषा पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है। इस बार 28 श्रेष्ठ साहित्यकारों को ये पुरस्कार दिए जाएंगे। बीकानेर के युवा पत्रकार व साहित्यकार रोशन बाफना को उनकी कृति ‘इत्ती सी तो बात है’ के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। ‘इत्ती सी तो बात है’ राजस्थानी भाषा की कविताओं की किताब है।
कार्यक्रम आयोजन समिति के अध्यक्ष पवन पहाड़िया ने बताया कि रोशन बाफना की इस कृति के लिए उनको मोहनलाल टोगसिया राजस्थानी पैली पोथी पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इसके तहत 11 हजार रूपए की नकद राशि व श्रीफल, शॉल, साफा, अभिनंदन पत्र तथा साहित्य भेंट कर उन्हें सम्मानित किया जाएगा।
बता दें कि नागौर के डेह में हर वर्ष राजस्थानी भाषा साहित्य पुरस्कार महोत्सव आयोजित किया जाता है। अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति तथा नेम प्रकाशन डेह के संयुक्त तत्वावधान में होने वाला यह वार्षिक जलसा राजस्थान का बेहद प्रतिष्ठित आयोजन है। इसके तहत अब तक 80 साहित्यकारों को पुरस्कृत किया जा चुका है। वहीं 2024 में कुल 29 साहित्यकारों को पुरस्कृत किया जाना है। इनमें से रूपचंद समदड़िया राजस्थानी विशेष सेवा शिखर सम्मान के लिए 51000 रूपए की नकद राशि प्रदान की जाएगी। वहीं शेष सभी पुरस्कारों के तहत 11-11 हजार रूपए नकद प्रदान किए जाएंगे।
कार्यक्रम आयोजन समिति अध्यक्ष पवन पहाड़िया, संयोजक लक्ष्मणदान कविया, संरक्षक सुखदेव सिंह गाडण व सूत्रधार डॉ गजादान चारण ने 2024 के पुरस्कारों की घोषणा की है। पुरस्कार योग्य किताबों का निर्धारण करने हेतु बनाए गए निर्णायक मंडल में लक्ष्मणदान कविया, पवन पहाड़िया, सुखदेव सिंह गाडण, डॉ गजादान चारण, मीठेश निर्मोही, डॉ मीनाक्षी बोराणा, सांवलदान कविया, डॉ रामरतन लटियाल, सुखदेव राव, श्रीराम वैष्णव, गोविंद सिंह कविया शामिल थे।