
Blast in Bikaner : सिलेंडर ब्लास्ट के समय 25 से 30 लोग थे बिल्डिंग में, बेसमेंट में दबे लोगों की हो रही तलाश
- घायलों में से चार आईसीयू में, इनमें से दो 100 प्रतिशत बर्न, दो को हैड इंजरी, बाकी की हालत में सुधार
- अभिषेक पुरोहित की ग्राउंड रिपोर्ट : RNE में सबसे पहले घायलों की लिस्ट
RNE Bikaner.
राजस्थान के बीकानेर में भीषण हादसे में दबे लोगों में से अब तक 13 को हॉस्पिटल पहुंचाया जा चुका है इनमें से दो की मौत हो गई। मृतकों को पहचान 23 वर्षीय सचिन सोनी और 35 वर्षीय असलम के रूप में हुई है। दोनों की हॉस्पिटल पहुंचे से पहले ही मौत हो गई। इसके 04 व्यक्तियों की हालत गंभीर हैं। इनमें से 02 शत-प्रतिशत झुलसी हुई हालत में हैं और 02 को झुलसने के साथ ही हैड इंजरी भी है। इनमें से तीन को वेंटीलेटर पर रखा गया है। बाकी सभी घायलों में से किसी की हालत ज्यादा गंभीर नहीं है। इनमें से कुछ को आज ही छुट्टी दी जा सकती है। इससे बड़ी चिंता की बात यह है कि अभी भी मलबे में लोगों के दबे होने की आशंका है। रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है।
ये हैं घायल :
हादसा कहाँ, कैसे :
दरअसल बीकानेर के नयाकुआ इलाके में कोतवाली पुलिस थाना के ठीक सामने मंगलवार सुबह विस्फोट हो गया। जिस बिल्डिंग में यह विस्फोट हुआ वहां ज्वैलरी से जुड़ी छोटी-छोटी कई दुकानें हैं। बताया जा रहा है कि विस्फोट सिलेंडर फटने से हुआ। यह इतना जबरदस्त था कि बेसमेंट की छत गिर गई। सामान उछलकर सड़क पर आ गया।
25 कप चाय गई थी, इसलिए इतने आदमी होने का अनुमान:
इस बिल्डिंग के पास ही चाय की दुकान करने वाले रवीन्द्रसिंह ने कहा, विस्फोट से कुछ ही देर पहले मैं यहां चाय सप्लाई करके आया था और लगभग 25 कप चाय का ऑर्डर था। ऐसे मंे माना जा रहा है 25 से 30 लोग विस्फोट के समय इस परिसर में थे। दूसरी ओर पीबीएम हॉस्पिटल 13 लोग पहुंचे जिनमें से दो की मौत हो गई। हो सकता है कि कुछ लोग भागकर सुरक्षित निकल गये लेकिन अब भी कई लोगों के दबे होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। इसी लिहाज से एनडीआरएफ, एसडी आरएफ, पुलिस, फायरब्रिगेड, प्रशासन की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी है। मौक्े पर जेसीबी मशीन, ट्रैक्टर सहित अन्य संसाधन मौजूद है। मलबा हटाकर इसमंे दबे लोगों की तलाश हो रही है।
डॉक्टर्स की टीम जुटी: प्राचार्य सोनी, सुपरिटेंडेंट वर्मा, एचओडी दवां खुद कर रहे देखरेख:
दूसरी ओर पीबीएम हॉस्पिटल के ट्रोमा सेंटर में घायलों का इलाज करने के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं। हॉस्पिटल सुपरिटेंडेंट डा.सुरेन्द्र वर्मा खुद लगातार ट्रोमा सेंटर में मौजूद है। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डा.गुंजन सोनी ने ट्रोमा सेंटर पहुंचकर व्यवस्थाओं को जायजा लिया और घायलों की हालत और उपचार का इंतजाम देखा। सर्जरी विभागाध्यक्ष डा.मनोहर दवां खुद अपनी टीम के साथ मरीजों के इलाज में जुटे हैं। कलेक्टर नम्रता वृष्णि, भाजपा अध्यक्ष सुमन छाजेड़ सहित कई अधिकारी-नेता मौके पर पहुंचे हैं।