शाह से सीएम की मुलाकात, नेताओं की धड़कन बढ़ी, नियुक्तियों व विस्तार की बात
RNE Network
तीन दिन पहले राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अचानक से दिल्ली गये। उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व परेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी से राज्य के मसलों पर मुलाकात की। राज्य की कुछ योजनाओं पर भी बात हुई। ये मुलाकातें तो ठीक थी, सभी ने इसको सहजता में लिया। कोई राजनीतिक चर्चा भी इन मुलाकातों को लेकर नहीं हुई।
अचानक से कड़ाके की सर्दी के बीच शाम को सीएम भजनलाल नार्थ ब्लॉक गृह मंत्रालय पहुंचे। जहां वे गृहमन्त्री अमित शाह से मिलने पहुंचे। इन दोनों नेताओं के मध्य लंबी बातचीत हुई। इस मुलाकात को अन्य कोई भी उपस्थित नहीं था। कहने को तो 3 नये कानूनों के बाद राज्य में उनको लेकर क्या हुआ, उस पर बातचीत थी। मगर शाह व सीएम की इस मुलाकात से दिल्ली और जयपुर में राजनीतिक हलचल बढ़ गई। इसकी अपनी खास वजह भी थी। कुछ दिन पहले कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा भी अमित शाह से मिले थे और उस मुलाकात की वजह अब तक भी सामने नहीं आई। किरोड़ी बाबा ने भी उस पर कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।
बात सीएम व शाह की इस मुलाकात की, इसने राज्य की राजनीति में गर्माहट ला दी है। विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने वाला है और राजनीतिक गर्माहट भी बढ़ेगी। पिछले कुछ महीनों से राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार व पुनर्गठन के साथ राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर कवायद चल रही है। इस मुलाकात को इन संदर्भों में भी देखा जा रहा है।
राज्य में अभी मंत्रियों के 6 पद खाली है, जो सरकार का गठन होने के समय से ही खाली चल रहे हैं। कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने इस्तीफा दिया हुआ है, उस पर अभी भी अधिकृत रूप से कुछ भी निर्णय नहीं आया है। वर्तमान मंत्रियों के काम का रिपोर्ट कार्ड सीएम व प्रदेश प्रभारी राधा मोहन अग्रवाल पहले ही तैयार कर शाह व जे पी नड्डा से चर्चा कर चुके हैं। इस वजह से इस मुलाकात को मंत्रिमंडल की दृष्टि से खास माना जा रहा है। 7 सीटों के उप चुनाव हुए और उसमें से 5 सीटें भाजपा ने जीती। इन नए विधायकों पर भी कुछ निर्णय होना है।
दूसरा बड़ा इश्यू वसुंधरा राजे के समर्थक विधायकों का है। कई वरिष्ठ विधायक अभी मंत्रिमंडल से बाहर है और उन पर भी कोई निर्णय होना है। चुप बैठे इन विधायकों की चुप्पी से खलबली है। शाह व सीएम की मुलाकात में इस पर भी बात होने की संभावना जताई जा रही है। मंत्रियों के विभाग बदलने को लेकर भी कुछ निर्णय होने हैं और वे भी दिल्ली यानी शाह की सहमति से होने हैं। इस कारण माना जा रहा है कि ये मुलाकात खास है।
राज्य के कई बड़े नेता राजनीतिक नियुक्ति की प्रतीक्षा में भी है, वो काम लंबे समय से अटका हुआ है। लोकसभा चुनाव से पहले कुछ गणित अनुकूल करने के लिए नियुक्तियां अवश्य की गई थी, मगर बाकी नियुक्तियां अटकी हुई है। चुनाव हारे हुए बड़े नेता राजेन्द्र राठौड़, सतीश पूनिया आदि पर भी निर्णय दिल्ली के स्तर से ही होना है। इस वजह से भी शाह व सीएम की मुलाकात को खास माना जा रहा है।
कुल मिलाकर शाह व सीएम की इस मुलाकात ने राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ा दी है। इस मुलाकात के परिणाम कुछ दिनों में सामने आने की संभावना है, तभी मुलाकात की बात का पता लगेगा।
मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘ के बारे में
मधु आचार्य ‘आशावादी‘ देश के नामचीन पत्रकार है लगभग 25 वर्ष तक दैनिक भास्कर में चीफ रिपोर्टर से लेकर कार्यकारी संपादक पदों पर रहे। इससे पहले राष्ट्रदूत में सेवाएं दीं। देश की लगभग सभी पत्र-पत्रिकाओं में आचार्य के आलेख छपते रहे हैं। हिन्दी-राजस्थानी के लेखक जिनकी 108 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। साहित्य अकादमी, दिल्ली के राजस्थानी परामर्श मंडल संयोजक रहे आचार्य को अकादमी के राजस्थानी भाषा में दिये जाने वाले सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जा चुका हैं। राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के सर्वोच्च सूर्यमल मीसण शिखर पुरस्कार सहित देशभर के कई प्रतिष्ठित सम्मान आचार्य को प्रदान किये गये हैं। Rudra News Express.in के लिए वे समसामयिक विषयों पर लगातार विचार रख रहे हैं।