Terapanth Sabha Gangashahar : अक्षय तृतीया, वर्षीतप अभिनंदन समारोह
- साध्वी प्रमुखा विश्रुतविभाजी के संदेश का वाचन हुआ
- 95 वर्षीय श्राविका गवरा देवी सेठिया का 37वां वर्षीतप
RNE Bikaner.
श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा गंगाशहर द्वारा अक्षय तृतीया एवं वर्षीतप अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया।
साध्वी श्री ललित कला, साध्वी श्री चरितार्थ प्रभा व साध्वी श्री प्रांजल प्रभा के सान्निध्य में हुए समारोह में मुनिश्री श्रेयांश कुमार के तीसरा, साध्वी प्रेमप्रभा जी के दसवां, साध्वी दीपमाला जी का पहला, जतन लाल दूगड़ के तीसरा, 95 वर्षीय वयोवृद्ध श्राविका गवरा देवी सेठिया के 37वां, दरिया देवी जैन के 22 वां, कुसुम देवी चोपड़ा के पांचवा, विमला देवी रांका के चौथा तथा प्रियंका खटेड़ ने पहला वर्षीतप होने पर अभिनंदन किया गया।
साध्वीवृंद का सम्बोधन :
इस मौके पर साध्वी श्री ललितकला ने कहा कि भगवान ऋषभ ने निरंतर तपस्या करते हुए वर्षीतप किया। वर्तमान काल को देखते हुए एकांतर उपवास कर यह तप किया जाता है। साधु साध्वियों तथा तपस्वियों को देखकर तपस्या की भावना होती है। साध्वी चरितार्थ प्रभा जी ने तप की अनुमोदना करते हुए कहा कि वर्षीतप व्यक्ति को भीतर से जगाने का प्रयास है। तपस्या व्यक्ति के स्वस्थ रहने का राज है। उन्होंने साध्वी प्रमुखा श्री विश्रुतविभाजी से प्राप्त संदेश का वाचन भी किया।
भगवान ऋषभ का जीवन दर्शन :
साध्वी प्रांजल प्रभा जी ने भगवान ऋषभ के जीवन की विशेषताएं बताते हुए कहा कि जो व्यक्ति श्रम व तप कर सत्य का अनुसंधान करते हैं, वे स्व जीवन के कल्याण के साथ-साथ सबका हित करते हैं। भगवान ऋषभ ऐसे ही महापुरुष थे, जिनका जन्म जन कल्याण के लिए हुआ। उन्होंने लोगों को सामाजिक जीवन के साथ-साथ आध्यात्मिक प्रबंधन के गुर दिए। आज ही के दिन उन्होंने प्रपौत्र श्रेयांश कुमार के हाथों से ईक्षु रस से पारणा किया था।
साध्वी विवेकश्रीजी, साध्वी कंचनरेखा जी, साध्वी ध्रुवरेखा जी, साध्वी मध्यस्थ प्रभा जी व साध्वी सहज प्रभा जी ने समारोह को संबोधित किया। साध्वीवृंद द्वारा नाटिका व गीतिका के माध्यम से भगवान ऋषभ के अवदान प्रस्तुत किये गए। कार्यक्रम का शुभारंभ कोमल पुगलिया द्वारा मंगलाचरण के गायन से हुआ।
इन्होंने किया तप, इनकी भागीदारी :
महिला मंडल व चोपड़ा परिवार द्वारा तप अनुमोदन में गीतिका प्रस्तुत की गई। तेरापंथी सभा के अध्यक्ष अमरचंद सोनी, महिला मंडल अध्यक्षा संजू लालानी, युवक परिषद अध्यक्ष अरुण नाहटा, दिव्या जैन, प्रमिला खटेड़, रेखा खटेड़, वैभव सेठिया, भव्या बोथरा, रितु चोपड़ा, करणीदान रांका ने तप अनुमोदना में अपनी अभिव्यक्ति दी।
तेरापंथी सभा के मंत्री रतन लाल छलाणी ने बताया कि गंगाशहर में साधु- साध्वी, श्रावक-श्राविका चारों ही तीर्थ में वर्षीतप हुए हैं। मुनिश्री श्रेयांश कुमार जी के तीसरा, साध्वी श्री प्रेमप्रभा जी के दसवां, साध्वी श्री दीपमाला जी का पहला, जतन लाल दूगड़ के तीसरा, 95 वर्षीय वयोवृद्ध श्राविका गवरा देवी सेठिया के 37वां, दरिया देवी जैन के 22 वां, कुसुम देवी चोपड़ा के पांचवा, विमला देवी रांका के चौथा तथा प्रियंका खटेड़ ने पहला वर्षीतप किया है।
तपस्वियों का तेरापंथी सभा के अमरचंद सोनी, लूणकरण छाजेड़, जतन संचेती, पवन छाजेड़, मनोहर नाहटा, जीवराज श्यामसुखा, महिला मंडल की संजू लालानी, शारदा डागा, बिंदु छाजेड़, संतोष बोथरा, सुप्रिया राखेचा, रेखा चोरडिया, युवक परिषद के अरुण नाहटा, ललित राखेचा, देवेंद्र डागा ,जितेंद्र रांका संदीप रांका, ऋषभ लालानी, विपिन बोथरा आदि गणमान्य व्यक्तियों द्वारा जैन पताका, साहित्य व प्रशस्ति पत्र से अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम का संचालन तेरापंथी सभा के मंत्री रतन लाल छलाणी ने किया।