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गहलोत, पायलट, डोटासरा, भाया, चौधरी जैसे वरिष्ठ नेताओं के नाम पर चर्चा

आरएनई, स्टेट ब्यूरो। 

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बनी कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की कल दिल्ली में बैठक हो गई। इस पहली बैठक में सभी 25 सीटों पर मोटी मोटी चर्चा हो गई। पहले स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष व सांसद रजनी पटेल अपने दो साथियों के साथ जयपुर आयी थी और विधायकों सहित सभी नेताओं से फीडबैक लिया था। उसके बाद प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली व पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा हर लोकसभा सीट पर गये और फीडबैक लेकर 3 या इससे अधिक संभावित उम्मीदवारों का पैनल बनाया। इसके अलावा पर्यवेक्षकों को भेज संभावित उम्मीदवारों के नाम व फीडबैक लिया गया। हालांकि आलाकमान भी अपने स्तर पर नाम ले रहा है, जो सीडब्ल्यूसी के सामने पैनल के साथ विचारार्थ रखे जायेंगे।इस तरह तीन स्तर पर जो नाम व फीडबैक आया उस पर ही कल स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई। इसे कांग्रेस की लोकसभा चुनाव के लिए विधिवत शुरुआत माना जाना चाहिए। राजस्थान कांग्रेस के लिए क्रिटिकल स्टेट है, क्योंकि दो चुनाव से पार्टी यहां एक भी सीट नहीं जीत रही है। इसलिए ज्यादा गम्भीरता से स्टेट की 25 सीटों पर विचार हो रहा है। क्रिटिकल स्टेट के साथ ही राजस्थान कांग्रेस के लिए उम्मीद वाला स्टेट भी है।

उम्मीद की वजह विधानसभा चुनाव के आंकड़े हैं। कांग्रेस ने विधानसभा में 70 सीट जीती और एक समर्थक आरएलडी ने जीती। कुल 71 विधायक अभी पार्टी के साथ है। विधानसभा चुनाव के आधार पर मिले वोटों को लोकसभा वार देखें तो सीधे सीधे तौर पर 11 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस को भाजपा से अधिक वोट मिले हैं। 3 सीट ऐसी भी है जहां कांग्रेस को भले ही भाजपा से अधिक वोट न मिले हों मगर निर्दलीयों की वजह से पार्टी पिछड़ी है और कांग्रेस व उनमें ज्यादा अंतर भी नहीं है। इस 14 सीटों को लेकर कांग्रेस अधिक उम्मीद में है।

स्क्रीनिंग कमेटी के सामने जो संभावित उम्मीदवारों के नाम आये हैं, उनमें कई वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल है। चर्चा में भी कई बड़े नेताओं के नाम पर बात हुई। मोटे तौर पर कांग्रेस राजस्थान में सीनियर व युवा नेताओं को समान रूप से उतारने पर सहमत है। अशोक गहलोत, सचिन पायलट, गोविंद डोटासरा, प्रमोद जैन भाया, हरीश चौधरी आदि सीनियर नेताओं के नामों पर भी चर्चा हो रही है। इसके साथ ही कुछ युवा विधायकों को भी पार्टी लोकसभा में उतारने का मानस बना चुकी है। स्क्रीनिंग कमेटी तो इन नामों का पैनल सीडब्ल्यूसी को भेज देगी, आगे का निर्णय तो वहीं से होना है। कांग्रेस चुनाव समिति का लक्ष्य 14 सीट पर ज्यादा है मगर 7 से 8 सीट पर उसे जीत की ज्यादा संभावना लग रही है। हालांकि लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट मोदी के नाम पर मिलते हैं, उससे काफी फर्क पड़ता है। कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी का मानना है कि विधानसभा चुनाव भी इस बार मोदी के चेहरे पर ही लड़ा गया था इसलिए ज्यादा बड़ा अंतर अब लोकसभा चुनाव में नहीं आना है। स्क्रीनिंग कमेटी व आलाकमान इस बार के चुनाव में पिछली बार के अधिकतर चेहरों को बदलने का मानस बना चुकी है, ताकि भाजपा से मुकाबला किया जा सके। कुल मिलाकर राजस्थान में भाजपा के लिए इस बार सभी 25 सीट जितना पिछली दो बार की तरह आसान नहीं है।