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दावेदारों की जयपुर से दिल्ली की तरफ कूच, बीकानेर में तीन नामों को लेकर चल रही रस्साकस्सी

RNE, Special

भाजपा जिलाध्यक्षों की घोषणा का मामला आपसी टकराहट व खींचतान के कारण अब जयपुर से दिल्ली पहुंच गया। पार्टी ने इस विवाद के निबटारे का पूरा जिम्मा संगठन महामंत्री बी एल संतोष को दिया है। जो कल जयपुर आ सकते हैं और नामों का ऐलान कर सकते हैं। फिलहाल पैनल दिल्ली पहुंच गये हैं और दावेदारों ने भी दिल्ली की तरफ कूच कर लिया है।

कई जिलों में गुटबाजी व खींचतान के कारण सर्वसम्मति नहीं बन सकी, जिसके कारण ही प्रदेश अध्यक्ष ने नामों की घोषणा को टाल दिया था। शुरू में यह स्पष्ट था कि सांसदों, विधायकों को तरजीह मिलेगी। वहीं चुनाव प्रभारियों की रिपोर्ट को भी आधार बनाया गया, जो उन्होंने जिला संगठन व वहां के वरिष्ठ नेताओं से बात के बाद तैयार की थी।

इन जिलों में ज्यादा विवाद:

जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, सीकर, अजमेर, जालौर, बीकानेर, उदयपुर आदि स्थानों पर सर्वसम्मति नहीं बन सकी थी। विधायकों, सांसद व संगठन की यहां अलग अलग राय आई। इसमें सर्वसम्मति बनाने के प्रयास हुए मगर बात बैठी नहीं।

अनेक जिलों में तो विधायकों ने न केवल अध्यक्ष बनाने के लिए नाम दिए अपितु कुछ को न बनाने के लिए भी लिख दिया। जबकि पार्टी ने इस जिलाध्यक्षों के लिए अपवाद को छोड़कर कुछ सामान्य अहर्ताएं भी तय की थी। उन पर खरा उतरने वाले कुछ दावेदारों का विधायकों ने विरोध कर दिया। इसी वजह से मामला उलझा। बात दिल्ली तक पहुंची।

बी एल संतोष का निर्देश:

संगठन महामंत्री बी एल संतोष ने 3 से 4 व्यक्तियों का जिलाध्यक्ष के लिए पैनल मांगा। उसमें से ही निर्णय किया जाना है। जिसमें वर्तमान जिलाध्यक्ष, पूर्व जिलाध्यक्ष व चुनाव अधिकारी के नाम आने तय किये गए। ये पैनल भी पहुंच गया।
कल तक हो सकता है निर्णय संभावना है कि संगठन महामंत्री बी एल संतोष कल जयपुर आएंगे और जिलाध्यक्षों की सूची को चर्चा के बाद जारी कर देंगे। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में ज्यादा देरी नहीं चाहती, क्योंकि राष्ट्रीय अध्यक्ष का भी चुनाव इस महीनें में हो जाना है।

बीकानेर में भी खींचतान:

बीकानेर शहर व देहात में भी अध्यक्ष को लेकर एक राय नहीं बन सकी है। इस कारण यहां का मामला भी अटका हुआ है। बीकानेर शहर में 3 नामों पर खास तौर पर चर्चा है और उसमें से ही एक नाम तय होना है। इनमें वैश्य समाज से, ओबीसी से व ब्राह्मण में से किसे बनाया जाये, ये बी एल संतोष को तय करना है। फिलहाल दावेदार या उनके समर्थक दिल्ली कूच किये हुए हैं।

बीकानेर देहात में भी विधायकों की अलग अलग राय के कारण सहमति नहीं बन सकी। यहां प्रमुख रूप से 4 दावेदार हैं जो पूरा जोर पहले जयपुर और अब दिल्ली लगा रहे हैं। माना ये जा रहा है कि बीकानेर में सांसद व केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का खास दखल रहेगा। विधायकों की राय को भी देखा जा रहा है। कल तक इस पर से पर्दा उठने के आसार हैं।