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सीएसजी ग्रांट में देरी से स्कूलों में संकट, शिक्षक संघ ने वित्तीय स्वीकृति बढ़ाने की मांग की

RNE Network

शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजकर प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में सत्र पर्यंत होने वाले व्ययो के भुगतान हेतु शिक्षा विभाग द्वारा सीएसजी ग्रांट व अन्य ग्रांट नामांकन के अनुसार प्रतिवर्ष स्वीकृत की जाने वाली राशि सत्र 24 -25 के लिए जारी करवाने की मांग की है।संगठन के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि आचार्य एवं प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश विश्नोई ने बताया कि राशि जारी नहीं होने से आने वाली समस्याओं से मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री को अवगत करवाया गया है।

ज्ञापन में लिखा है कि पूर्व में राशि आने तक विद्यालयों के संस्था प्रधान समय समय पर विद्यालय में आवश्यकता के अनुसार स्वयं अपने स्तर पर व्यवस्था कर खर्च कर देते है। बाद में बजट आने पर संबंधित वेंडर को भुगतान कर देते है।

प्रतिवर्ष उक्त विभिन्न ग्रांट का बजट एवं वित्तीय स्वीकृतियां दिसम्बर माह तक आ जाती है। किंतु सत्र 2024-25 के लिए कुल सीएसजी राशि का मात्र 16 प्रतिशत स्वीकृति जारी हुई है। ऐसे में कई विद्यालयों द्वारा खर्चा कर दिया है तो वही कई विद्यालयों द्वारा स्वीकृति के इंतजार में स्कूल के शैक्षिक व भौतिक विकास से सम्बंधित सामग्री को क्रय नहीं पाए है।उक्त राशि समय पर स्वीकृत होती तो स्कूल शिक्षा परिषद के निर्देशानुसार जुलाई से सितंबर माह तक 40 प्रतिशत, अक्टूबर से दिसंबर तक 30 प्रतिशत तथा जनवरी से फरवरी तक 30 प्रतिशत व्यय करने के दिशा निर्देश है। किंतु अब तक 84 प्रतिशत राशि की वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं हो पाने से स्कूल कई वेंडर का भुगतान नहीं कर पाए है तथा कई विद्यालय बजट के अभाव में आवश्यक कार्य को सम्पादित नही कर पा रहे है।

समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत राजकीय विद्यालयों की सामान्य शैक्षिक, सह-शैक्षिक, भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति एवं पुराने उपकरणों के प्रतिस्थापन तथा विद्यालय स्वच्छता एक्शन प्लान हेतु कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिये जाने का प्रावधान है। विद्यार्थी हित में विद्यालय की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु इस राशि का उपयोग किया जाने के दिशा निर्देश है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों के गुणवत्तापूर्ण शिक्षण कार्य को बढ़ावा देने के लिये पाठ्य सहगामी क्रियाओं का विकास करना एवं विद्यालयों की दैनिक/भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है।

संगठन के जिला अध्यक्ष मोहनलाल भादू एवं जिलामंत्री नरेंद्र आचार्य ने मांग की है कि प्रत्येक वित्तीय सत्र में मार्च अंतिम भुगतान महीना होता है। ऐसे में अब केवल मार्च महीना ही शेष है इसलिए तत्काल स्कूल कंपोजिट ग्रांट (CSG) सहित समस्त रुकी हुई वित्तीय स्वीकृतियाँ जारी करवाते हुए इस संबंध में जारी राशि को खर्च करने का अंतिम माह अप्रैल 2025 तक बढ़ाया जाय ताकि राशि का उपयोग विद्यालय एवं छात्र हित में हो सके।