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Dengue in Bikaner : 08 नये रोगी, दो दिन में 17, पीबीएम में अब तक 115, सरकार की नजर

क्या बदल गए हैं मच्छर! 47 डिग्री तापमान में हो रहा डेंगू

RNE Bikaner.

बीकानेर में जबरदस्त लू के बीच एक हैरान करने वाली बीमारी उभर रही है, वह है डेंगू। एक-दो नहीं कई दिनों से 47 डिग्री सेल्सियस के आस-पास चल रहे तापमान के बीच यह बीमारी फैलने से सिर्फ स्वास्थ्य विभाग ही नहीं पूरी सरकार हाई अलर्ट मोड पर आ गई है। हैरानी की वजह यह है कि आमतौर पर इतनी गर्मी में मच्छर जिंदा नहंी रहते। जो जिंदा रहते हैं वे भी घरों में कहीं दुबके हुए रहते हैं। अनुकूल मौसम आने पर ही प्रजनन करते हैं, एक्टिव होते हैं।

ये बीकानेर के डिप्टी सीएमएचओ डॉक्टर लोकेश गुप्ता हैं, घर-घर जाकर मच्छर ढूंढ रहे हैं।

 


पहले जानिये बीमारी की गंभीरता:

शुक्रवार को बीते 24 घटे मंे अकेले पीबीएम हॉस्पिटल में आठ नए डेंगू रोगी रिपोर्ट हुए हैं। इससे पहले गुरूवार को 09 डेंगू रोगी रिपोर्ट हुए थे। ऐसे मंे दो दिन में ही 17 डेंगू पॉजिटिवि सामने आ चुके हैं। पीबीएम हॉस्पिटल में अब तक 115 डेंगू रोगी रिपोर्ट हो चुके हैं। इनमें से 64 की हालत खराब होने पर उन्हें भर्ती कर इलाज देना पड़ा। सरकार के पास जो आंकड़े पहुंचे हैं उनके मुताबिक अब तक रिपोर्ट हुए रोगियों की संख्या 200 से के आस-पास हो चुकी है। इसमें वे रोगी भी शामिल हैं जिनके एड्रेस नहीं मिलने से रिपोर्ट मंे शामिल नहीं किये गए थे।

पूरा महकमा नियंत्रण में जुट गया:

बीकानेर के डिप्टी सीएमएचओ (हैल्थ) डा.लोकेश गुप्ता कहते हैं, रोगी रिपोर्ट हो रहे हैं इसका मतलब साफ है कि मच्छर पनप रहे हैं। इस गर्मी में भी क्यों पनप रहे हैं यह शोध का विषया हो सकता है लेकिन हमारी टीम पूरे मनोयोग से मच्छरों के नियंत्रण में जुट गई है। हर दिन अलग-अलग इलाकों मंे एक्टीविटी कर रहे हैं। जहां भी रोगी रिपोर्ट हो रहे हैं उन इलाकों मंे जाकर कुंडियों, पाळसियों तक को खंगाल रहे हैं।

अपने घर का खुद ख्याल रखें तो खत्म हो जाएगा डेंगू-मलेरिया।

लेकिन इतनी गर्मी में मच्छर पनप क्यों रहे?

हैरान करने वाले इस सवाल पर डेंगू-मलेरिया पर शोध करने वाले विशेषज्ञ और एसपी मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग मंे सीनियर प्रोफेसर डा.संजय कोचर कई कारण गिनाते हैं। डा.कोचर से हुई बातचीत के मुताबिक ये ऐसे कारण हो सकते हैं जिससे डेंगू पनप रहा है:

डॉ.संजय कोचर, डेंगू-मलेरिया पर रिसर्च करने वाले विशेषज्ञ एवं एसपी मेडिकल कॉलेज में सीनियर प्रोफेसर

 

  •  हो सकता है मच्छरों मंे कोई जेनटिक बदलाव आया हो और वे इतनी गर्मी में सरवाईव कर रहे हों। इसकी पुष्टि शोध के जरिये ही हो सकती है ऐसे मे तथ्यात्मक तौर पर कुछ भी कहा नहीं जा सकता।
  • एक महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे रहन-सहन में आये बदलाव ने भी मच्छरों को इस मौसम में पनपने का मौका दिया है।

  • रहन-सहन में बदलाव से अर्थ यह है कि भले ही घरों के बाहर तापमान 46-47 डिग्री हो लेकिन घरों कूलर, एसी सहित अन्य संसाधनों की वजह से तापमान बढ़ नहीं पाता। ऐसे में यहां छिपे हुए मच्छर जिंदा रह जाते हैं।
  • घरों मंे कई ऐसे पानी के स्रोत होते हैं जिनकी नियमित सफाई नहीं होती। उनमें मच्छरों का प्रजनन हो सकता है। मसलन, फ्रिर की ट्रे, नियमित उपयोग में नहीं आने वाले बाथरूम के ड्रेनेज पाइप में ठहरा हुआ पानी, छोटी-छोटी बोतलों-गमलों मंे लगे सजावटी पौधे जिनमें पानी रहता है आदि।

तब ऐसे करें बचाव:

अपने घर में मच्छर मारने या भगाने की जिम्मेदारी खुद उठा लें। डेंगू का अधिकांश प्रकोप खत्म हो जाएगा। इन्हें भगाने के कई तरीके हो सकते हैं, मसलन काला हिट, कॉइल, पेपर फार्मूला आदि। इसके साथ ही मच्छर पनपने के स्रोत तलाश कर वहां पानी सुखाना होगा। सफाई करनी होगी।

नहीं तो विस्फोटक हो जाएंगे हालात:

स्वास्थ्य अधिकारियों को चिंता है कि अभी डेंगू पर कंट्रोल नहीं किया गया तो मानसून के दौर में मच्छरों को पनपने का खूब मौका मिलेगा। हालात विस्फोटक हो सकते हैं।