खाने की थाली महंगी होने से हर घर का बजट बिगड़ा, भीषण गर्मी के कारण सब्जियों की सप्लाई घटी
** हीटवेव के कारण सब्जियां महंगी हुई
** दालों की कीमतों पर अंकुश के लिए नए निर्देश
आरएनई, नेशनल ब्यूरो
लोकसभा चुनाव समाप्त होते ही महंगाई ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। सब्जियों और दालों के भावों में हो रही बेतहाशा बढ़ोतरी ने आम आदमी को परेशानी में डाल दिया है। खाने की थाली महंगी होने से हर घर का बजट बिगड़ गया है।
चुनाव के बाद आलू, प्याज, टमाटर सहित सभी सब्जियों के भाव बढ़ गए हैं। मतगणना से एक दिन पहले के मुकाबले कई सब्जियों के दाम तो दुगुने हो गए हैं। दालों के भाव भी बढ गये हैं। उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार दो हफ्तों में ही गेहूं, आटा, चावल, दाल, सरसों का तेल, गुड़ और नमक महंगे हो गए हैं। सब्जी कारोबारियों के अनुसार भीषण गर्मी के कारण सब्जियों की सप्लाई घटी है, उसका असर है। लोग आलू अधिक खरीद रहे हैं, जिससे कीमतें बढ़ी है।
एक पखवाड़े में सब्जियों के बढ़े दाम प्रति किलो में
- प्याज – 3 जून को 32 रुपये, 18 जून को 40 रुपये
- आलू- 3 जून को 30 व 18 जून को 36 रुपये
- टमाटर- 3 जून को 34 व 18 जून को 40 रुपये
- फूलगोभी- 3 जून को 60 व 18 जून को 80 रुपये
इतने बढ़े दाम
उपभोक्ता मंत्रालय के अनुसार 3 जून के मुकाबले 18 जून को टमाटर 15 प्रतिशत महंगा हुआ। इसी तरह प्याज के खुदरा भाव मे 13 फीसदी की उछाल आई। आलू भी 10 प्रतिशत महंगा हुआ है।
दालें भी चुनाव के बाद पतली हुई
उपभोक्ता मंत्रालय के अनुसार थाली में दालें भी चुनाव से पहले के मुकाबले पतली हो गई है। चुनाव परिणाम से पहले अरहर की दाल की औसत कीमत 158 रुपये प्रति किलो थी वह महज दो हफ्तों में ही 176 रुपये किलो पर पहुंच गई है। उड़द, मूंग, मसूर और चना दाल में भी उछाल आया है। सरसों तेल, दूध, चीनी और गुड़ के भी दाम बढ़ गए हैं।
कीमतों पर अंकुश की कोशिश
डी मार्ट, रिलायंस रिटेल, बिग बास्केट, अमेजन और फ्लिप्कार्ड जैसी निजी खुदरा श्रृंखलाओं और ऑनलाइन किराना को अब सप्ताह में दो बार अपने स्टॉक की दालों की मात्रा की घोषणा करनी होगी। केंद्र सरकार ने देश के मिल मालिकों, खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं, बड़ी रिटेल चेन, आयातकों, प्रोसेसरों और स्टॉकिस्टों को हर हफ्ते स्टॉक का खुलासा करने के निर्देश दिए हैं।