बारिश के मौसम में बिगड़ रहा किचन का बजट, सब्जी के बाद दाल और मसाले भी हो रहे हैं महंगे
- थाली पर बढ़ गया है आर्थिक बोझ
- दाल से हर किचन की स्थिति पतली
RNE, Bikaner
आम आदमी पर एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है और उसके किचन का पूरा बजट ही बिगड़ गया है। हरी सब्जियों के दामों में बहुत बढ़ोतरी हुई है तो चना दाल भी महंगी हो गई है।
देश भर की मंडियों में सब्जियों के थोक दामों में भारी उछाल आया है। एक महीनें में ही खुदरा बाजार में सब्जियों के दाम दुगुने हो गए हैं। सब्जी व्यापारियों का कहना है कि देश के कई इलाकों में तेज बारिश का असर गोभी, भिंडी, तोरी जैसी सब्जियों पर पड़ा है। इससे पहले जून में लू से मिर्च, लौकी जैसी सब्जियां खराब हो गई थी।
कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश आदि राज्यो में किसानों की फसलें बीते दिनों हुई बारिश में खराब हो गई। इन राज्यों से सब्जियों की सप्लाई घटी है और कीमतें बढ़ गई है। सब्जियों के बाद अब चने की दाल, जीरा और हल्दी के भी भाव बढ़ने लगे हैं। जिनसे आम आदमी के किचन का बजट पूरी तरह बिगड़ गया है।
दाल से हालत पतली
जैसे ही सब्जियों के दाम बढ़ते हैं लोग दाल, छोले, राजमा आदि पर शिफ्ट कर जाते हैं। स्थिति ये है कि सबसे सस्ती मिलने वाली चने की दाल भी 120 रुपये किलो तक पहुंच गई है। जो एक माह पहले 90 से 100 रुपये पर थी। कारोबारियों के अनुसार हर साल जुलाई और अगस्त में चने के रेट बढ़ते हैं। खुदरा बाजार में अरहर ( तुअर ) दाल की कीमत लगभग 200 रुपये प्रति किलो है। अच्छे किस्म की अरहर की दाल 225 रुपये किलो बिक रही है।
मसाले भी हुए महंगे
इस बार हल्दी की पैदावार कम हुई है इसकी वजह से हल्दी की कीमतें अधिक है। पिछले साल थोक बाजार में हल्दी की कीमत 80 रुपये प्रति किलो थी, जो इस समय 170 रुपये तक पहुंच गई है। जीरे के थोक भाव में भी प्रति किलो 20 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।