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बीकानेर में धरने पर पहुंचे हनुमान बेनीवाल, सैनिक को शहीद का दर्जा देने की मांग

  • जवान को सम्मान दिलाने जुटे किसान, हुुंकार भर रहे हनुमान
  • एमएलए सुशीला डूडी, पूर्व विधायक मंगलाराम गोदारा, पूर्व विधायक गिरधारीलाल महिया सहित कई नेता मौजूद

RNE Bikaner.

कश्मीर में गोली से जान गंवाने वाले जवान रामस्वरूप को शहीद का दर्जा देने की मांग पर तीन दिन से बीकानेर में नेशनल हाईवे पर चल रहे धरने में आज नागौर के सांसद रालोपा सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल जहां काफिले के साथ पहुंचे वहीं बड़ी तादाद में जिलेभर के किसान इस धरने पर जुटे।

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इस धरने को जवान को सम्मान दिलाने के लिए जुटी किसानों की जाजम करार दिया जा रहा है जिसमें नोखा की विधायक सुशीला रामेश्वर डूडी, पूर्व विधायक मंगलाराम गोदारा, पूर्व विधायक गिरधारी महिया सहित जिलेभर के नेता मौजूद हैं।

धरनास्थल पर हुई सभा में हनुमान बेनीवाल ने कहा, जवान रामस्वरूप कस्वा को शहीद का दर्जा दिलाने की मांग एक हजार प्रतिशत सही और वाजिब है। उन्होंने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए जवानों, किसानों के साथ किये जाने वाले व्यवहार की निंदा की।

बेनीवाल ने कहा, बीकानेर में एक सैनिक अधिकारी द्वारा जवान की मौत को आत्महत्या बताना निंदनीय है। सेना के कैंपस में आम आदमी नहीं जा सकता। वहां कैसी घटना हुई, क्या मामला है इसकी जांच भी सेना करती है। उसकी रिपोर्ट आये बगैर मौत को आत्महत्या बताना जवान की शहादत का अपमान है। सेना में ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक आने, गाड़ी पलटने या एक्सीडेंट होने जैसे मामलों में भी शहीद का दर्जा देने के कई उदाहरण मौजूद है।

तीन दिन से धरना, परिजनों ने नहीं लिया शव : 

दरअसल कश्मीर के अनंतनाग में तैनात बीकानेर जिले के जवान रामस्वरूप कस्वां की गोली लगने से मौत के बाद बीकानेर में बढ़ रहा तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा। जवान का शव अभी तक मिलिट्री हॉस्पिटल में रखा है। जवान रामस्वरूप के परिजनों के साथ ही जिलेभर से किसान सड़क पर उतर रहे हैं। गांव से शहर तक धरना लगा रहे हैं।

बीकानेर शहर में कैप्टन चंद्र चौधरी सर्किल पर धरने के साथ ही हाईवे जाम कर दिया गया है। धरने पर जहां लगातार भीड़ बढ़ रही है वहीं अगुवाओं ने जिलेभर से किसानों को धरने में पहुंचने का आह्वान किया है। कहा है, जवान को सम्मान दिलाने के लिए किसान को सड़क पर आना होगा।

मामला यह है : 

दरअसल कश्मीर में गोली से निधन के बाद रामस्वरूप कस्वा के परिजनों को सूचना मिली कि वह शहीद हो गया। बाद में बताया गया कि उसने आत्महत्या कर ली। ऐसे में परिजनों-परिचितों सहित जवान की मौत पर आये इस बयान से युवा भी आक्रोशित हो गये।

आरोप लगाया कि बगैर जांच जवान की मौत को आत्महत्या बताना उसकी शहादत का अपमान है। कश्मीर जैसे संवेदनशील स्थान पर ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले जवान को शहीद का दर्जा दिलवाने लोग सड़क पर उतर आये। इसी कड़ी में बीकानेर में हाइवे पर धरना चल रहा है।