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चितौड़गढ़, जालौर, अजमेर में हनुमान बेनीवाल की एंट्री, बदलेगा सीटों का राजनीतिक गणित

RNE , STATE BUREAU 

अपने संसदीय क्षेत्र नागौर में मतदान होने के बाद रालोपा सुप्रीमो अब शेष रही राज्य की उन 13 सीटों के चुनावी रण में उतर गये हैं, जहां दूसरे चरण में मतदान होना है। लोकसभा चुनाव 2024 में राज्य में कांग्रेस ने रालोपा से गठबंधन किया था और उन्हें नागौर की सीट दी थी। रालोपा का पश्चिमी राजस्थान व अन्य उन जगहों पर अपना वोट बैंक है, जहां जाट समाज के लोग अधिक रहते हैं। जाटलेंड में रालोपा अपना प्रभाव पिछले लोकसभा चुनाव व पिछले दो बार के विधानसभा चुनाव में दिखा भी चुकी है।


पिछले लोकसभा चुनाव में रालोपा के इसी असर को देखते हुवै भाजपा ने गठबंधन किया था और नागौर की सीट उनके लिए छोड़ी थी। उस सीट से रालोपा सुप्रीमो खुद चुनाव लड़कर जीते थे। किसान आंदोलन के समय वे कृषि कानूनों के विरोध में एनडीए से अलग हो गये। इस बार भाजपा ने उनसे गठबंधन नहीं किया, कांग्रेस ने कर लिया।


जाट समाज के युवाओं में खासकर हनुमान बेनीवाल की अधिक फोलोइंग है। उसे देखते हुए ही जाटलेंड में फायदे की दृष्टि से कांग्रेस उनको अपने साथ लाई। जाटलेंड की सीकर, चूरू, नागौर सीटों के साथ इस समाज के प्रभाव वाली श्रीगंगानगर, बीकानेर, जयपुर ग्रामीण सीटों पर तो मतदान हो गया। इन सीटों पर रालोपा की टीम कांग्रेस के साथ रही और बेनीवाल ने वीडियो के जरिये कांग्रेस को साथ देने की अपील की। नागौर में वोट पड़ते ही बेनीवाल चुनावी समर में उतर गये।
बेनीवाल ने दो दिन में चितौड़गढ़, जालौर व अजमेर में 4 सभाएं की है और वो भी जाट बहुल इलाकों में। उनकी सर्वाधिक दो सभाएं जालौर में हुई जहां पूर्व सीएम अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। गहलोत व बेनीवाल की नजदीकियों को लेकर कांग्रेस के नेता पहले भी काफी बोल चुके हैं। जानकारों का मानना है कि रालोपा व कांग्रेस के राज्य में हुवै गठबंधन में भी गहलोत की बड़ी भूमिका थी। क्योंकि कांग्रेस ने गठबंधन के लिए जो कमेटी बनाई गहलोत उसके भी सदस्य थे।


कांग्रेस ने हनुमान बेनीवाल को प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर भी उपलब्ध कराया है। अब वे ताबड़तोड़ 13 सीटों के उन इलाकों में सभाएं कर रहे हैं जहां जाट समाज के वोट अधिक है। जाहिर है, इससे पूरी तरह वे उन सीटों के चुनावी गणित को प्रभावित करेंगे।
जालौर, चितौड़गढ़ व अजमेर के अलावा हनुमान बेनीवाल जोधपुर व पाली की सीटों पर भी कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करेंगे। हालांकि अभी तक ये स्पष्ट नहीं हुआ है कि वे जाट बाहुल्य की सीट बाड़मेर में प्रचार करेंगे या नहीं। बाड़मेर में रालोपा के नेता उमेदाराम बेनीवाल उनकी पार्टी छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गये और कांग्रेस ने उनको वहां से टिकट भी दे दिया। मगर इतना तय है कि बेनीवाल व रालोपा अब कई सीटों पर चुनावी गणित को प्रभावित करेंगे। उसी कारण उन सीटों पर मुकाबला रोचक व कांटे का हो गया है।

  •  मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘