56 साल बाद बर्फ में दबे चार शव मिले, सेना के आईकार्ड से चारों की पहचान!!
- सहारनपुर के मलखानसिंह का शव घर पहुंचा, पत्नी-बेटे की हो चुकी मौत, पोते-पोतियों ने कभी दादा को देखा ही नहीं था
RNE Netwrok.
ग्लेशियर की बर्फ में चल रहे रेस्क्यू के बीच एक ऐसी खबर आई जो न केवल हैरान करने वाली है वरन इसे सुनकर खुश हुआ जाए या दुख जताया जाए यह भी कोई कहने की स्थिति में नहीं है।
खबर यह है कि भारतीय सेना के चार जवानों के शव 56 साल बाद बर्फ में से मिले हैं। इनकी पहचान इनके पास मिले आई कार्ड से हुई है।
स्थिति यह है कि सहारनपुर के मलखानसिंह का शव जब मिला है तब तक उनकी पत्नी और बेटा दोनों दुनिया से कूच कर चुके हैं। पोते-पोतियों ने कभी दादा को देखा तक नहीं था। कहानियां जरूर सुनी होगी लेकिन आज उनके सामने दादा का शव आया है। वे खुश भी है और गमगीन भी।
चार फ़ौजियों के शव 56 साल बाद मिले :
दरअसल 04 फौजियों के शव के अवशेष अवशेष 56 साल बाद मिले हैं। ये सभी फौजी हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति में एक विमान हादसे में शहीद हो गए थे। इनके शव के अवशेष 29 सितंबर को चन्द्रभागा-13 ढाका ग्लेशियर में बरामद हुए हैं।
इनकी पहचान मलखान सिंह, सहारनपुर, नारायण सिंह पौड़ी-गढवाल, मुंशी राम, रेवाड़ी और थॉमस चैरियन केरल के तौर पर हुई है। सेना की रेस्क्यू टीम ने इन्हें निकाला और अब काजा के लोसर हेलिपेड से इन अवशेषों को चंडीगढ़ भेजा गया।
1968 में प्लेन क्रेश में गई जान :
जिस घटना में इन सैनिकों की जान गई वह 7 फरवरी 1968 की है। उस दिन चंडीगढ़ से लेह के लिए भारतीय वायुसेना का एएन-12 विमान जा रहा था। इसमें क्रू-मेम्बर के साथ कुल 102 सैनिक थे। रोहतांग दर्रे के करीब विमान का संपर्क टूटा और फिर यह विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। वर्ष 2003 में सबसे पहले मनाली के पर्वतारोही संस्थान के ट्रैकर्स ने विमान को खोजा था।