Skip to main content

बाड़मेर-जैसलमेर: जगह-जगह धक्कामुक्की-वोटिंग बंद, रवीन्द्रसिंह के भाई को जैसलमेर छोड़ने का आदेश

RNE, BIKANER .

राजस्थान की हॉटसीट बाड़मेर में सुबह से तेज मतदान के साथ ही तरह-तरह के आरोपों के वीडियो सामने आ रहे हैं। पुलिसकर्मियों पर जहां लोगों को वोट के लिए प्रेरित करने, उकसाने के आरोप लग रहे हैं वहीं बाड़मेर के एसपी खुद तनाव कम करने के लिए सड़क पर उतरकर लोगों को खदेड़ते दिखे हैं।

इन सबके बीच निर्दलीय प्रत्याशी रवीन्दसिंह भाटी ने आरोप लगाया कि है कि उनको समर्थकों को वोट देने से रोका गया है। कई ऐसे वीडियो भी सामने आ रहे हैं जहां पुलिस-ग्रामीण उलझ रहे हैं।

एक गांव में लोग पुलिसवालों पर वोट देने जाते लोगांे से ‘वोट किसको दे रहे हो’ पूछने का आरोप लगा रहे हैं। इसके साथ ही किसी पार्टी-प्रत्याशी विशेष को वोट देने के लिए प्रेरित करने का आरोप भी लगा है। एक बूथ पर पुलिस और पब्लिक की धक्कामुक्की में पुलिसकर्मी को चोट आई है। आपसी धक्कामुक्की में चोटिल प्रत्याशियों के समर्थक भी हॉस्पिटल पहुंचे हैं।

बाड़मेर में दो पक्षों के बीच मारपीट के बाद मौके पर पहुंचे विधायक हरीश चौधरी पुलिस अधिकारियों से उलझते हुए दिखे। एकबारगी चौधरी धरना देने की चेतावनी देते हुए वहीं बैठ भी गए।

दूसरी ओर एक बुजर्ग महिला का वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वह कह रही है, बूथ में उससे पूछा गया कि वोट किसको दोगी। उसने प्रत्याशी का नाम बताय तो बगैर वोट दिये बाहर निकाल दिया।

इन सबके बीच जैसलमेर पुलिस ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से रवीन्द्रसिंह भाटी के भाई को जैसलमेर जिला तुरंत छोड़ने के आदेश दिये हैं। यहां आरोप यह भी लगा है कि वोट देने जा रही भाटी के समर्थकों से भरी गाड़ियों को रोककर लोगों को उतार दिया गया। ऐसे में सैकड़ों वोटर पैदल ही कई किलोमीटर दूर बूथ तक पहुंचे हैं।
इन सबके बीच पुलिस ने ट्विट कर बताया है कि एक बोलेरो गाड़ी में 40 से 50 लोग सवार थे। ऐसे में जान-माल की सुरक्षा को देखते हुए गाड़ी खाली करवाई।

दूसरी ओर रवीन्द्रसिंह ने हरीश चौधरी के शिव विधानसभा में पहुंचने पर सवाल उठाया है। कहा है, मेरे भाई को जैसलमेर छोडने का आदेश दिया गया है। हरीश चौधरी शिव विधानसभा क्षेत्र में कैसे घूम सकते हैं।