
आइएमएफ का दोगलापन, पाक को मदद उचित कदम नहीं, यूक्रेन में युद्ध हो तो मदद रोक दो, दिल्ली में हो तो पाक को चेक दो
RNE Network.
भारत और दक्षिण एशिया को लेकर पश्चिमी देशों व आइएमएफ का डबल स्टैंडर्ड ( दोमुंहापन ) खुलकर सामने आ गया है। आइआइएम मुंबई के पूर्व छात्र लोकेश आहुजा ने लिंक्डइन पर अपनी पोस्ट में इसे उजागर किया है।
लोकेश आहुजा ने वैश्विक पूर्वाग्रह, सत्ता संरचना पर प्रकाश डाला है। उन्होंने दोहरे मानदंडों की आलोचना की कि कैसे रूस – यूक्रेन युद्ध के बाद रूस पर कई प्रतिबंध लगाए गए, जबकि पाक को अरबों डॉलर का चेक थमा दिया। यदि युद्ध बर्लिन के नजदीक है तो प्रतिबंध, और दिल्ली के नजदीक है तो.. बातचीत के लायक।
भारत के पास सिर्फ 2.7% वोटिंग पावर:
लोकेश आहुजा ने लिखा, जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो उस पर 1000 से अधिक प्रतिबंध लगाए गए। यूरोप ने तुरंत जवाब दिया- क्योंकि खतरा व्यक्तिगत था।
पर जब भारत की बात आई तो आतंक को बढ़ावा देने वाले पाक को 11 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज दिया गया और 1.3 अरब डॉलर की नई मदद देने की घोषणा की गई। आइएमएफ में भारत के पास केवल 2.7 प्रतिशत वोटिंग पावर है, अमेरिका के पास 17 प्रतिशत वोटिंग पावर है।