
निष्क्रिय पदाधिकारियों को चिन्हित किया, उनकी कभी भी हो सकती है छुट्टी, भाजपा के प्रति सॉफ्ट नेताओं की भी हो रही पहचान, होगी कार्यवाही
- गहलोत की भूमिका अभी तक तय नहीं
अभिषेक आचार्य

राजस्थान कांग्रेस में अब बदलाव की बयार तेजी से चलने वाली है। जल्दी ही बड़े पैमाने पर पदाधिकारियों में व्यापक बदलाव होगा। भाजपा के प्रति सॉफ्ट रुख रखने वालों को चिन्हित किया जा रहा है, उनके खिलाफ पार्टी सख्त हो रही है।
ये संगठन वर्ष है इस कारण पार्टी पूरी तरह से संगठन पर ध्यान केंद्रित किये हुए है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया है कि संगठन के सहारे ही सत्ता तक पहुंचा जा सकता है। इस कारण ये वर्ष पूरी तरह से संगठन पर्व के रूप में मनाया जायेगा।
राष्ट्रीय अधिवेशन से होगा ऑपरेशन:
कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन इस बार गुजरात मे हो रहा है और उससे ही संगठन में बड़ा ऑपरेशन आरम्भ होगा। राहुल गांधी ने पहले लोकसभा में बोलते हुए सीधे नरेंद्र मोदी व अमित शाह को कहा था कि इस बार हम आपको गुजरात में हरायेंगे। ये बड़ी चुनोती थी।
उसके बाद राहुल जब कुछ समय पहले गुजरात गये तब उन्होंने कार्यकर्ताओं की बड़ी बैठक को संबोधित किया। उस समय उन्होंने स्पष्ट कहा कि हमारे कार्यकर्ता बब्बर शेर हैं, मगर वे जंजीर से बंधे हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि हमारे कुछ नेताओं का भाजपा को लेकर सॉफ्ट रवैया है। ऐसे नेताओं को पार्टी से निकाल देना चाहिए।राहुल की तर्ज पर रंधावा:
राहुल ने गुजरात में जो भाषण दिया उसी तर्ज पर राजस्थान में पार्टी के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा बोले। उन्होंने पीसीसी की वृहद बैठक में कहा कि राज्य में कांग्रेस ही कांग्रेस को हराती है, भाजपा नहीं। मैं यदि विधानसभा चुनाव के समय सख्त रहता।
सलाह के अनुसार कठोर बनकर कुछ टिकट काट देता तो राज आ जाता। तबसे बड़ा सवाल है कि टिकट नहीं काटे, वो किसके इशारे पर किया ? एक बड़े नेता की तरफ उनका ईशारा साफ लगता है। अब भाजपा की तरफ नरम रुख रखने वालों को छोड़ा नहीं जायेगा। रंधावा ने इस बैठक के बाद प्रियंका गांधी से भी मुलाकात की। उनको रिपोर्ट दी है। लगता है, उस पर कार्यवाही होगी। कई बड़े नेताओं से भी जिम्मेवारी ले ली जाएगी।
निष्क्रिय की छुट्टी पर मुहर लगी:
कुछ समय पहले पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा व प्रभारी रंधावा ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की थी। जिसमे उन्होंने पीसीसी के निष्क्रिय पदाधिकारियों की सूची दी, जिसमें लगभग 50 नाम है। इन लोगों को जल्दी ही पदों से मुक्त किया जायेगा। वही जिलों के भी निष्क्रिय पदाशिकारियो की सूची फाइनल है और उनको भी घर भेजा जायेगा। ये बड़ा बदलाव होगा।विधानसभा गतिरोध पर नजर:
कांग्रेस आलाकमान की विधानसभा के बजट सत्र में हुए गतिरोध पर भी पूरी नजर है। इस मामले में गलती की पहचान की गई है। तभी तो अचानक से नेता प्रतिपक्ष ने सॉरी बोला और गतिरोध समाप्त किया मगर तब से गोविंद डोटासरा जो पीसीसी चीफ हैं, विधानसभा ही नहीं गए। उससे नेता प्रतिपक्ष व पार्टी अध्यक्ष के बीच दूरी की बातें चली, हालांकि दोनों ने इसका खंडन किया। मगर डोटासरा विधानसभा नहीं गए, ये भी सच है। बदलाव की बयार में इस मसले का भी असर होगा।
गहलोत की भूमिका क्या, बड़ा सवाल:
पूर्व सीएम अशोक गहलोत की पार्टी व संगठन में क्या भूमिका रहेगी, यह बड़ा सवाल है। क्योंकि गहलोत राज्य कांग्रेस में एक बड़ा फेक्टर है, उनके साथ कई विधायक है। हालांकि अब कई सांसद व विधायक पाला बदलकर सचिन पायलट के साथ हो गए हैं, मगर फिर भी एक धड़ा उनके साथ है। गहलोत की आगामी भूमिका को लेकर अभी तक असमंजस है।
बदलाव तो अब तय है:
राज्य कांग्रेस में अब जिले से लेकर प्रदेश तक बदलाव तय है। पूरी स्क्रिप्ट तैयार है और शीघ्र ही उसको जमीन पर भी उतारा जायेगा। कई बड़े विकेट भी उखड़ेंगे, ये तय है।