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वॉक विद साड़ी : मेयर, कलेक्टर, कमिश्नर, एसपी सभी महिलाएं

आरएनई, बीकानेर।

वर्ल्ड वूमन्स डे के मौके पर बीकानेर में एक खुशनुमा तस्वीर सामने आई है। यह तस्वीर है वूमन्स-डे पर हुए ‘वॉकथॉन : वॉक विद साड़ी’ के मंच की। महिला दिवस के इस जिला स्तरीय समारोह में मंच पर मेयर, कलेक्टर, संभागीय आयुक्त, एसपी मौजूद रहीं। संभवतया यह पहला मौका है जब बीकानेर के इन सभी प्रमुख पदों पर महिला जनप्रतिनिधि या अधिकारी नियुक्त हैं। ऐसे में स्थानीय बोलचाल की भाषा में कहें तो इन दिनों ‘बीकाणै मांय लुगायां रो राज’ है।


दरअसल बीकानेर की मेयर सुशीला कंवर है वहीं हाल ही कलेक्टर के पद पर नम्रता वृष्णि की नियुक्ति हुई हैं। संभागीय आयुक्त उर्मिला राजौरिया की जगह वंदना सिंघवी को लगाया गया है। दबंग एसपी के तौर पर तेजस्विनी गौतम पहले से ही तैनात है जिन्होंने संगठित अपराधों की कमर तोड़ने का बड़ा काम किया है। ऐसे में ‘बीकाणै मांय राज लुगायां..’ की बात सौ फीसदी खरी उतरती है।


पूरे प्रशासन में महिलाओं का दबदबा :

ऐसा नहीं है कि बीकानेर में कलेक्टर, कमिश्नर, मेयर, एसपी जैसे कुछ पदों पर ही महिलाएं हैं वरन लगभग हर मोर्चे पर की-पर्सन या प्रमुख अधिकारी के रूप में महिलाएं तैनात हैं। मसलन संभागीय आयुक्त और कलेक्टर के बाद तीसरा बड़ा प्रशासनिक पद अतिरिक्त कलेक्टर माना जाता है।

इस पद पर भी महिला अधिकारी प्रतिभा देवठिया नियुक्त हैं। इसी तरह नगर निगम में उपायुक्त अर्पिता सोनी, कोलोनाइजेशन में एडिशनल कमिश्नर रचना भाटिया, वेटेरनरी यूनिवर्सिटसी में रजिस्ट्रार के तौर पर बिन्दु खत्री, कोलोनाइजेशन डिप्टी कमिश्नर शारदा चौधरी, डीआइजी स्टांप मनीषा लेघा और सीएडी में डिप्टी कमिश्नर सविना बिश्नोई वे महिला अधिकारी हैं जो सीधे तौर पर जिला, संभाग के प्रशासन से लेकर प्रमुख व्यवस्थाओं का जिम्मा उठाए हैं। बीकाने शहर की एसडीओ (नॉर्थ) कविता गोदारा है वहीं श्रीडूंगरगढ की एसडीओ उमा मित्तल है। मतलब यह कि इन शहरों-कस्बों या उपखंडों की प्रशसनिक जिम्मेदारियां सीधे तौर पर इन महिलाओं के हाथों में हैं।
ये भी कम नहीं :

बात महज प्रशासन तक नहीं वरन कानून, न्याय से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं तक कहीं भी नजर दौड़ाएं तो महिलाएं पीछे नहीं दिखेगी। मसलन, डा.सोनाली धवन न केवल एनस्थासिया की सीनियर प्रोफेसर हैं वरन बीकानेर में स्वास्थ्य सेवाओं के सबसे विकसित केन्द्र सुपर स्पेशियिलटी सेंटर में बतौर सुपरिटेंडेंट भी सेवाएं दे रही हैं। मंजू नैण गोदारा ऐसी महिला अधिकारी जिनके जिम्मे उद्योग-धंधों का विकास है।

वे उद्योग विभाग की संयुक्त निदेशक के तौर पर इन्वेस्टमेंट से लेकर औद्योगिक संचालन तक के काम बखूबी देख रही हैं। शालिनी बजाज और सीमा कुमारी हिंगौनिया ऐसी महिला आरपीएस ऑफिसर हैं जो बीकानेर में अपने-अपने मोर्चे पर सेवाएं दे रही है। न्याय व्यवस्था में देखें तो सीजेएम संदीप कौर का खास स्थान है वहीं डीटीओ के तौर पर भारती नथानी चुनौतीपूर्ण काम को अंजाम दे रही हैं। इन सबकी खैर-खबर यानी सूचनाएं देने और जनता से जुड़ाव रखने वाले विभाग की बात करें तो जनसंपर्क विभाग में सहायक निदेशक भी एक महिला भाग्यश्री अपनी जिम्मेदारी को निभा रही है। ऐसे में कह सकते हैं, बीकानेर महिलाओ के राज में अमन-चैन की सांस ले रहा है।