करणी कथा में मां करणी की महिमा व माता के पर्चों का वर्णन किया
पुरानी गिन्नाणी में हरिराम बाबा के मंदिर के समक्ष श्री करणी कथा 9 फरवरी तक
पूर्व मंत्री वीरेन्द्र बेनीवाल व कार्डिक सर्जन डॉ. जयकिशन सुथार सहित बड़ी संख्या में भक्तजन बने साक्षी
आरएनई, बीकानेर।
धर्मनगरी बीकाणा धरा पर पहली बार श्रीकरणी कथा का शुभारंभ हुआ। श्रीकरणी कथा के पहले मेहाई जन्मोत्सव मनाया गया। मेहाई यानी सुआप गांव के मेहाजी किनिया की बेटी, जिन्होंने मां हिंगलाज के रूप में मरूधरा पर अवतार लिया? जो जगदम्बा श्रीकरणी के नाम से विख्यात हुईं।
पुरानी गिनाणी स्थित श्री हरिरामबाबा मंदिर के सामने स्थित प्रांगण में बने भक्ति से सरोबार पांडाल में आयोजित करणी कथा में कथावाचक डॉ. करणीप्रताप सिंह ने मेहा जी किनिया द्वारा मां हिंगलाज के दर्शनार्थ की गई सैंकड़ों मील की पदयात्रा, आदिशक्ति के समक्ष वंदना पुत्र की चाह रखना और मां द्वारा पुत्री के रूप में स्वयं सुआप में उनके घर अवतरित होने का वरदान और फिर उसके फलीभूत होने का मनोरम कथानक सुनाया तो मानो ऐसा लग रहा था, जैसे आंखों के सामने इस पुनीत वृतांत का सचित्रण हो रहा हो।इसके बाद कन्या के प्रथम नामकरण रिद्धिबाई और फिर बुआसा को दैवीय चमत्कार दिखाने पर रखे गए नाम करणी बाईसा, पूगल के राव शेखा की पूरी फौज को भोजन करवाना, उनको सशर्त अमरत्व का वरदान देना तथा जगड़ूशाह को रक्षा का वचन देना, प्रजा वत्सल महाराजा गंगासिंह की अपनी आराध्य मां करणी के प्रति अगाध आस्था से जुड़े कई परचे-परवाड़ों का वर्णन कथावाचक डॉ. करणी प्रतापसिंह ने मातेश्वरी करणीजी की कथा करते हुए सुनाया। इसी दौरान भजन गायक किन्नू बन्ना ने मां करणी के मनमोहक भजनों की प्रस्तुति दी। पहले दिन पूर्व मंत्री वीरेन्द्र बेनीवाल व कार्डिक सर्जन डॉ. जयकिशन सुथार सहित कई गणमान्य जन ने मां करणी की पावन कथा का श्रवण किया।कथा के प्रारंभ में मां करणी की प्रतिमा के समक्ष मुख्य यजमान के रूप में जुगलसिंह, इंद्रसिंह, उम्मेदसिंह, जेठाराम पुरोहित, बाबूलाल पुरोहित ने आरती की और कथावाचक डॉ. करणीप्रताप व भजनगायक किन्नू गायक का माल्यार्पण कर स्वागत किया।