सरकार को विकल्प तलाशने के लिए पत्र, 15 दिन से अधिक न हो नेटबन्दी
RNE Network
अप्रैल 2024 से अब तक 11 दूरसंचार सर्किल में 3711 घन्टे ( 154 दिनों के बराबर ) से अधिक समय तक इंटरनेट बंद रहा। दूरसंचार ऑपरेटरों ने राज्य सरकारों से नेटबन्दी नहीं करने का आग्रह किया है।
ऑपरेटरों का कहना है कि नेटबन्दी के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इससे बैंकिंग, सब्सिडी लेन – देन और ऑनलाइन शिक्षा जैसे महत्त्वपूर्ण काम भी प्रभावित होते हैं। राज्य सरकारें कानून व्यवस्था के मामलों से निपटने के लिए विशिष्ट क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर देती है। दूरसंचार विभाग को इस विषय मे पत्र लिखा गया है।
सेलुलर ऑपरेटर्स एडोसीएशन ऑफ इंडिया ( सीओएआइ ) ने दूरसंचार विभाग के सचिव नीरज मित्तल को लिखे पत्र में कहा है कि नेटबन्दी से लोगों को भारी परेशानी होती है। उन्होंने सुझाव दिया है कि कानून – व्यवस्था के मुद्धों को हल करने के लिए अस्थायी शट डाउन का सहारा लेने के बजाय वैकल्पिक समाधानों पर विचार करना चाहिए। उद्योग व परीक्षा जैसे मामलों में निर्बाध इंटरनेट सेवाओं की जरूरत है। सीओएआइ ने कहा कि देशभर में व्यापक डिजिटल परिदृश्य को देखते हुए इंटरनेट बंदी के विकल्प तलाशने चाहिए।
15 दिन से अधिक न हो नेटबन्दी:
सीओएआइ की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि दूरसंचार सेवाओं के नए अस्थायी निलंबन नियम 2024 के अनुसार निलंबन आदेश की अवधि 15 दिन से अधिक नहीं होगी।
यह नियम लागू किये जा चुके हैं, इसके बाद भी कई इलाकों में लंबे समय तक नेटबन्दी रहती है। उन्होंने कहा है कि पूर्वोत्तर के क्षेत्रों में 1485 घन्टे ( 60 दिन से ज्यादा ) इंटरनेट बंद रहा है।