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Kolkata नगर निगम के गुमशुदा कर्मचारी की महाकुंभ के नाम से याददाश्त लौटी, 15 साल बाद घर पहुंचा

RNE Network.

वह बीते 15 सालों से एक होटल में काम कर रहा था। जब इस होटल में आया तब अर्धविक्षिप्त हालत थी। अपना नाम ही नहीं बता सकता था। ऐसे में नामकरण हो गया “पहलवान”। लगभग 15 सालों से इसी नाम से पुकारे जा रहे पहलवान से पूछा गया, महाकुंभ चलोगे? इस सवाल से उसकी आँखें स्थिर हो गई। वो कहीं खो गया और अचानक बोला, महाकुंभ के रास्ते में ही मेरा घर है। सुनने वाले हैरान रह गए। धीरे-धीरे उसे सबकुछ याद आने लगा।

सही निकल बताया हुआ ठिकाना :

उसके बताए ठिकाने पर पता किया तो एक-एक शब्द सही निकला। पुलिस की मदद से उसे अपने गांव लेकर गए तो घरवाले खुशी मिश्रित हैरानी से देखते रह गए। जब वह घर से गया था तब बेटी 03 महीने की थी और बेटा 03 साल का। उन्होंने पापा को फोटो में ही देखा था। पत्नी तो आवक देखती ही रह गई। बड़ी बात यह कि इतने सालों से लापता होने के कारण आखिरकार अब परिवारवालों ने उसके जिंदा रहने की उम्मीद छोड़ दी थी। हाल ही डेथ सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया था। गनीमत यह रही कि डेथ सर्टिफिकेट आने से पहले परिवार का मुखिया आ गया।

यूं गुम हो गए प्रकाश महतो :

यह कहानी कोलकाता नगर निगम के कर्मचारी प्रकाश महतो की है। कोडरमा के मरकच्चो थाना क्षेत्र के कादोडीह निवासी प्रकाश महतो कोलकाता नगर निगम में कार्यरत थे। वे 9 मई 2010 को ड्यूटी के लिए ट्रेन से कोलकाता जा रहे थे और रास्ते में लापता हो गए। उनकी गुमशुदगी की शिकायत मरकच्चो थाना में दर्ज कराई गई थी। इसके बाद परिजन और पुलिस के स्तर से काफी खोजबीन के बाद भी उनका कुछ पता नहीं चला।

और यहां मिली पहचान “पहलवान” :

पश्चिम बंगाल के रानीगंज स्थित होटल संचालक सुमित साव ने पुलिस-परिजनों को बताया, लगभग 15 वर्ष पहले आंशिक रूप से विक्षिप्त प्रकाश महतो को उनके पिता ने अपने होटल में काम पर रखा था। अपनी निष्ठा और मेहनत के बूते वे परिवार का हिस्सा बन गए। लगभ 7 साल पहले पिता की मौत हो गई, जिसके बाद होटल का संचालन मैं ही देख रहा हूँ और प्रकाश उर्फ पहलवान हमारे परिवार का हिस्सा बना हुआ है।

ऐसे लौटी याददाश्त :

कुंभ जाने की चर्चा के दौरान लौटी याददाश्त:

सुमित ने बताया कि परिवार के सदस्य महाकुंभ जाने की चर्चा कर रहे थे। पहलवान को भी चलने के लिए कहा। महाकुंभ का नाम सुनकर वह बोला, जरूर जाऊंगा, उसी रास्ते में मेरा घर है। ऐसे में उससे पूछताछ की तो उसने अपना पता कोडरमा के मरकच्चो बताया। इसके बाद कोडरमा थाना से संपर्क कर मामले की जानकारी दी।