Literature and Politics : अकादमी का बयान - इस्तीफे की वजह आधारहीन, भ्रामक बातें लिखीं
 Apr 2, 2024, 10:12 IST
                                                    
                                                
                                            - मंत्री अर्जुनराम ने एक महिना पहले साहितयोत्सव का उद्घाटन किया, राधाकृष्णन ने इसके विरोध में अब इस्तीफा दिया
 यह है सी.राधाकृष्णन का आरोप: राधाकृष्णन ने पिछले महीने अकादमी के स्थापना दिवस पर हुए साहित्योत्सव-2024 का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है। कहा है, साहित्य अकादमी राजनीतिक दबाव के खिलाफ संस्थान की स्वायत्तता को लगातार बरकरार रखती रही लेकिन इतिहास में पहली बार यह हुआ है जब किसी मंत्री ने साहित्य अकादमी के कार्यक्रम का उद्घाटन किया। लिखा, ऐसे व्यक्ति की ओर से उद्घाटन किये जाने का विरोध करता हूं जिनकी साहित्य में कोई पहचान नहीं है।
 यह है सी.राधाकृष्णन का आरोप: राधाकृष्णन ने पिछले महीने अकादमी के स्थापना दिवस पर हुए साहित्योत्सव-2024 का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है। कहा है, साहित्य अकादमी राजनीतिक दबाव के खिलाफ संस्थान की स्वायत्तता को लगातार बरकरार रखती रही लेकिन इतिहास में पहली बार यह हुआ है जब किसी मंत्री ने साहित्य अकादमी के कार्यक्रम का उद्घाटन किया। लिखा, ऐसे व्यक्ति की ओर से उद्घाटन किये जाने का विरोध करता हूं जिनकी साहित्य में कोई पहचान नहीं है।  हुआ क्या था: अकादमी में पिछले महीने साहित्योत्सव 2024 मनाया था और दावा है कि यह विश्व का सबसे बड़ा साहित्य सम्मेलन हुआ। इसमें 175 से अधिक भाषाओं के 1100 से अधिक रचनाकारों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन केन्द्रीय मंत्री और बीकानेर के सांसद अर्जुनराम मेघवाल ने किया था। इसी बात पर आयोजन के लगभग एक महीने बाद ठीक चुनाव के बीच सी.राधाकृष्णन ने अकादमी की सदस्यता से इस्तीफा दिया है।
 हुआ क्या था: अकादमी में पिछले महीने साहित्योत्सव 2024 मनाया था और दावा है कि यह विश्व का सबसे बड़ा साहित्य सम्मेलन हुआ। इसमें 175 से अधिक भाषाओं के 1100 से अधिक रचनाकारों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन केन्द्रीय मंत्री और बीकानेर के सांसद अर्जुनराम मेघवाल ने किया था। इसी बात पर आयोजन के लगभग एक महीने बाद ठीक चुनाव के बीच सी.राधाकृष्णन ने अकादमी की सदस्यता से इस्तीफा दिया है।  इस बयान में कहा गया है राधाकृष्णन ने साहित्योत्सव का उद्घाटन कैबिनेट मंत्री और ऐसे व्यक्ति से करवाने का विरोध किया जिसकी साहित्य में कोई पहचान नहीं है। यह बात पूरी तरह भ्रामक है। केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल खुद एक लेखक हैं। उन्होंने ‘एक सफर हमसफर के साथ’ ‘दिव्य पथ दांपत्य का’ ‘भारतीय मूल्य व परंपराओं को सशक्त करने वाला कानून’ आदि पुस्तकें लिखीं हैं। वे हिन्दी के अच्छे जानकार है। राजस्थानी भाषा के पैरोकार हैं।
 इस बयान में कहा गया है राधाकृष्णन ने साहित्योत्सव का उद्घाटन कैबिनेट मंत्री और ऐसे व्यक्ति से करवाने का विरोध किया जिसकी साहित्य में कोई पहचान नहीं है। यह बात पूरी तरह भ्रामक है। केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल खुद एक लेखक हैं। उन्होंने ‘एक सफर हमसफर के साथ’ ‘दिव्य पथ दांपत्य का’ ‘भारतीय मूल्य व परंपराओं को सशक्त करने वाला कानून’ आदि पुस्तकें लिखीं हैं। वे हिन्दी के अच्छे जानकार है। राजस्थानी भाषा के पैरोकार हैं।  अकादमी अध्यक्ष के इस बयान में दावा है कि पहले भी कई मंत्रियों ने अकादमी के कार्यक्रमों में सहभागिता की है। इसमें अकादमी की स्वायत्तता का किसी तरह से उल्लंघन नहीं है।
 अकादमी अध्यक्ष के इस बयान में दावा है कि पहले भी कई मंत्रियों ने अकादमी के कार्यक्रमों में सहभागिता की है। इसमें अकादमी की स्वायत्तता का किसी तरह से उल्लंघन नहीं है।  उपाध्यक्ष का चुनाव हार गए थे : सी. राधाकृष्णन ने पिछले साल अकादमी के उपाध्यक्ष का चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में वे कुमुद शर्मा से एक वोट से हर गए थे। इस जीत के साथ ही कुमुद शर्मा अकादमी की पहली महिला उपाध्यक्ष बनी।
 उपाध्यक्ष का चुनाव हार गए थे : सी. राधाकृष्णन ने पिछले साल अकादमी के उपाध्यक्ष का चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में वे कुमुद शर्मा से एक वोट से हर गए थे। इस जीत के साथ ही कुमुद शर्मा अकादमी की पहली महिला उपाध्यक्ष बनी।
 
                                                