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100 दिन की कार्य योजना की समीक्षा : बदलेगा प्रशासन का चेहरा, मंत्रियों पर भी नजर

आरएनई,स्टेट ब्यूरो। 

यूं तो सरकार बदलते ही ब्यूरोक्रेसी का चेहरा एकबारगी बदल दिया गया। पिछले शासन में जिन अफसरों के पास मुख्य कमान थी, उनकी जगह नये अफसरों को लाकर बिठा दिया गया। ये सत्ता की रीत है, बदलते ही वो ये मान बैठती है कि जो अभी अच्छी जगहों पर अफसर लगे हैं वो पिछली सरकार के खास हैं। जिनको बदलना नई सत्ता का परम धर्म है। जबकि अफसर तो सरकार के हुक्म की तामील करते हैं, यही उनका काम है। फिर वो सरकार चाहे किसी भी दल की क्यों न हो। मगर राजनीति इस तरह नहीं सोचती। वो तो उनको पिछली सत्ता का अफसर मान उनको काबिलियत के आधार पर नहीं अपितु इस राजनीतिक सोच के आधार पर ठंडे बस्ते में लगा देती है। उसकी काबलियत का परीक्षण ही नहीं करती। राजनीति का सोच व नजरिया राजनीतिक स्थितियों पर ही तो तय होता है।

राज्य में भी सरकार बदली तो थोक के भाव में आईएएस व आरएएस के तबादले हुए। शासन सचिवों को, कलेक्टरों को, सीएमओ के अधिकारियों को, जनता से जुड़े विभागों के अधिकारियों को बड़ी संख्या में बदला गया। कुछ को नेताओं की सिफारिश के आधार पर भी हटाया गया। कई को पिछली सरकार ने अपना न मान ठंडे बस्ते में लगाया था उनको मेन स्ट्रीम में लाया गया। तबादलों की जब नीति न हो तो इसी सोच व तरीकों से तबादले होते ही है। सब राज्यों में होते हैं।

बड़े प्रशासनिक फेरबदल के बाद लोकसभा के चुनाव आ गये जो अब अंतिम चरण में है। 4 जून को चुनाव परिणाम आ जायेंगे। सरकार बनते ही सीएम भजनलाल शर्मा ने सभी विभागों से 100 दिन की कार्ययोजना बनवाई थी। अब वो समय पूरा होने को है और सीएम समीक्षा बैठक भी करने वाले हैं। जिसकी हलचल ब्यूरोक्रेसी में साफ दिख रही है।

प्राप्त सूचनाओं के अनुसार जिस विभाग का काम समीक्षा बैठक में कमजोर पाया जायेगा उस विभाग के अधिकारियों को बदला जायेगा। राज्य से लेकर जिला स्तर तक बदलेंगे। इसके अलावा काम न करने वाले, धीमी रफ्तार से काम करने वाले, लापरवाही दर्शाने वाले ब्रुरोक्रेट भी बदलेंगे। जिनकी भी रिपोर्ट समीक्षा बैठक का हिस्सा होगी। कुल मिलाकर 4 जून के बाद समीक्षा बैठक होगी और एक बार फिर ब्यूरोक्रेसी में बड़ा बदलाव होगा। ये हर कोई मान रहा है।

सीएम की समीक्षा बैठक में मंत्रियों के कामकाज की भी समीक्षा होगी। उनके विभागों का काम, इस समीक्षा का आधार होगा। जिसकी रिपोर्ट भाजपा नेतृत्त्व को भी दी जायेगी और वहीं के निर्देश के बाद विभागों में या अन्य किसी तरह के फेरबदल होंगे। कुल मिलाकर चुनाव परिणाम के बाद की 100 दिन की समीक्षा बैठक के बाद राज्य एक बार फिर बदलाव को देखेगा।


-मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘