राज्यसभा में सभापति धनखड़ के खिलाफ अविश्वास का नोटिस, बहस, जमकर हंगामा
- राज्यसभा में कारवाई स्थगित, खडगे को केबिन में बुलाया
RNE New Delhi.
शुक्रवार को संसद में जहां संविधान पर चर्चा हुई वहीं इससे पहले राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। चूंकि विपक्ष ने सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था उसके खिलाफ भाजपा सांसद राधामोहन दास अग्रवाल ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था। इसी पर शुरू हुई बात पहले बहस फिर हंगामे में बदल गई। नौबत यहां तक आ गई कि सभापति धनखड़ ने सदन की कार्रवाई 16 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी। नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडगे को कैबिन में मिलने बुलाया।
यूं आमने-सामने खडगे-धनखड़ :
बहस के दौरान सभापति धनखड़ ने यहां तक बोल दिया, ‘मैंने बहुत सहा। मैं किसान का बेटा हूं, मैं झुकता नहीं हूं। विपक्ष ने संविधान की धज्जियां उड़ा दी हैं।’ इस पर खडगे भी चुप नहीं रहे। बोले, ‘आप हमारी पार्टी के नेताओं का अपमान करते हैं। आपका काम सदन चलाना है। हम यहां आपकी तारीफ सुनने के लिए नहीं आए। आप किसान के बेटे हो तो मैं मजदूर का बेटा हूं। आप सम्मान नहीं करते तो मैं आपका सम्मान क्यों करूं।’
गौरतलब है कि शाीतकालीन सत्र के 10वें दिन मंगलवार को विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा के जनरल सेक्रेटरी पीसी मोदी को धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया। इस नोटिस में कांग्रेस, TMC, AAP, SP, DMK, CPI, CPI-M और RJD समेत विपक्षी पार्टियों के 60 सांसदों के दस्तखत थे। विपक्ष का आरोप है कि राज्यसभा के सभापति और उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पक्षपातपूर्ण तरीके से सदन चलाते हैं और विपक्ष को बोलने नहीं देते।