Skip to main content

BIKANER : रवीन्द्र रंगमंच के लिए संघर्ष के पर्याय बन गये थे ओम सोनी

RNE BIKANER. 

राजस्थान के वरिष्ठ रंगकर्मी ओम सोनी नही रहे। वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनके पुत्र रंगकर्मी मयंक सोनी ने बताया कि शनिवार को दोपहर उन्हें हॉस्पिटल घर लाये और कुछ ही देर में उन्होंने आखिरी सांस ली। अंतिम यात्रा रविवार सुबह 10ः30 बजे पवनपुरी दक्षिण विस्तार स्थित उनके निवास से मोक्षधाम जाएगी।

सोनी जहां प्रदेश के नामचीन रंगकर्मी थे वहीं बीकानेर में रवीन्द्र रंगमंच बनवाने के लिए चले लंबे संघर्ष के अगुवा रहे। रवीन्द्र रंगमंच के लिये लंबा संघर्ष करने वाले सोनी आईजीएनपी में वरिष्ठ निजी सहायक रहे लेकिन उनकी पहचान ‘रंगमंच वाले सोनीजी’ के रूप में रही। अधूरे रवीन्द्र रंगमंच पर पहला नाटक ‘गुलाम बादशाह’ हुआ जिसमें सोनी ने लंबे अरसे बाद मंच पर अभिनय भी किया।

मात्र 74 की उम्र वाले सोनी अपने पांच भाइयों में ही सबसे बड़े नहीं थे वरन अपने पूरे परिवार में भी सबसे बड़े पुरुष सदस्य थे। सोनी के पांच पुत्रियां और एक पुत्र सहित भरा-पूरा परिवार है। उनके पुत्र मयंक सोनी भी ख्यातनाम रंगकर्मी-कलाकार हैं।

रंगकर्मियों सहित हर वर्ग ने जताया शोक:

ओम सोनी के निधन पर रंगकर्मियों, साहित्यकारों, पत्रकारों सहित समाज के विभिन्न वर्गों ने शोक व्यक्त किया है। रंगकर्मी, पत्रकार साहित्यकार मधु आचार्य ‘आशावादी’ ने कहा, सोनी के निधन से बीकानेर रंगजगत वह युग तेजी से समापन की ओर जा रहा है जिसमें रंगकर्मियों ने अपने खून-पसीने से इस शहर को रंग-राजधानी का दर्जा दिला दिया था।

वरिष्ठ रंगकर्मी प्रदीप भटनागर, प्रदीप माथुर, अशोक जोशी, रमेश शर्मा, मंदाकिनी जोशी, सुधेश व्यास, मंजू रांकावत, सुरेश हिन्दुस्तानी, सुरेश आचार्य, दयानंद शर्मा, कमल अनुरागी, कर्मचारी नेता भंवर पुरोहित, अभिषेक आचार्य, हरीश बी.शर्मा, सुकांत किराड़ू, नगेन्द्र नारायण किराड़ू आदि ने सोनी के निधन पर शोक जताया है।