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जाटलेंड की चूरू, नागौर, सीकर व बाड़मेर हॉट सीटें बनी, जिनका असर एक दर्जन सीटों पर भी पड़ेगा

RNE, BIKANER .

जालौर, झालावाड़ व दौसा के बाद इस बार राज्य में जिन सीटों को हॉट माना जा रहा है, उनमें पश्चिमी राजस्थान के जाटलेंड की चार सीटों पर सबकी नजरें गड़ी हुई है। ये चार सीटें है चूरू, नागौर, सीकर व बाड़मेर। इन सीटों पर तकड़ा चुनावी घमासान है। इन सीटों को हॉट इसलिए माना जा रहा है क्योंकि यहां की राजनीतिक हवा का असर प्रदेश की एक दर्जन से अधिक सीटों पर पड़ेगा जहां जाट बाहुल्य में है या निर्णायक स्थिति में है।


इन हॉट सीटों की हवा का असर जोधपुर, पाली, जालौर, जयपुर ग्रामीण, अजमेर, भीलवाड़ा, झालावाड़, झुंझनु, बीकानेर, श्रीगंगानगर आदि पर भी पडेगा। शायद यही वजह है जिसके कारण पीएम मोदी इन सीटों पर पूरी शक्ति लगा रहे हैं। चूरू, पुष्कर, बाड़मेर में वे चुनावी सभाएं कर चुके हैं। गृहमंत्री अमित शाह भी इन सीटों पर पूरी ताकत लगा रहे हैं। भाजपा कोशिश कर रही है कि आरएलडी के जाट नेता जयंत चौधरी को भी प्रचार के लिए यहां लाया जाये।


चूरू जाट बाहुल्य सीट है और भाजपा ने यहां मौजूदा सांसद राहुल कस्वां का टिकट काट दिया। जिसकी इस समुदाय में तीखी प्रतिक्रिया हुई। राहुल कस्वां कांग्रेस में शामिल हो गये और वहां से टिकट ले आये। भाजपा ने भी चूरू में जाट उम्मीदवार देवेंद्र झांझड़िया को उतारा है मगर राहुल ने चुनाव को पूरी तरह से समाज के अपमान और राजपूत नेता की तरफ मोड़ दिया है। जिसके कारण ध्रुवीकरण होता साफ दिख रहा है। चूरू सीट इसी कारण हॉट सीट बन गई है। इस संसदीय क्षेत्र में भाजपा केवल 2 विधानसभा सीट जीती हुई है, कांग्रेस के 5 विधायक है। चुनाव हर दिन रोचक बनता जा रहा है।


जाटलेंड की दूसरी हॉट सीट नागौर है। एक बार फिर मुकाबला ज्योति मिर्धा व हनुमान बेनीवाल के मध्य है। पिछली बार ज्योति कांग्रेस से थी और हनुमान भाजपा के सहयोग से रालोपा से। इस बार उलटा है। ज्योति भाजपा से है और हनुमान कांग्रेस के सहयोग से। मिर्धा परिवार भी इस चुनाव में दो भागों में बंटा है। मुस्लिम मतदाता बड़ी संख्या में है और निर्णायक भी है। यहां भी कांग्रेस के विधायक ज्यादा है। ज्योति व हनुमान के मध्य कांटे की टक्कर है और कांग्रेस अपना वर्चस्व बनाये रखने के लिए हनुमान के साथ पूरे मन से है। यहां के चुनाव परिणाम पर सबकी नजरें रहेगी।


जाटलेंड की तीसरी हॉट सीट सीकर की है जहां भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद सुमेधानन्द को उतारा है। जबकि कांग्रेस ने समझौते में ये सीट माकपा को छोड़ी है, जिसने किसान नेता अमराराम को उतारा है। इस सीट में भी कांग्रेस के विधायक ज्यादा है और मुस्लिम मतदाता भी प्रयाप्त है। कांटे की टक्कर है। यदि कांग्रेस अपने वोट माकपा को दिलवाने में सफल रही तो परिणाम रोचक रहेगा।


जाटलेंड की चौथी हॉट सीट बाड़मेर की है। यहां भाजपा उम्मीदवार केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी है और कांग्रेस ने रालोपा से आये उमेदाराम को मैदान में उतारा है। मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का काम शिव के निर्दलीय विधायक रवींद्र सिंह भाटी ने किया है, जिससे भाजपा की परेशानी बढ़ी है। राजपूत भाजपा का वोटर माना जाता है, यदि वो टूटा तो भाजपा के लिए परेशानी होगी। जबकि कांग्रेस के उमेदाराम को रालोपा का भी साथ मिल रहा है क्योंकि राज्य में कांग्रेस व रालोपा का गठबंधन है। संघर्ष त्रिकोणीय होने के कारण बाड़मेर में चुनाव रोचक हो गया है। इन हॉट सीटों पर सबकी नजरें है।
– मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘