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पहला दिन खाद्य संयम दिवस के रूप में मनाया गया

RNE, BIKANER.

पर्युषण महापर्व शुरू होने के साथ ही जप, तप, अनुपष्ठान, त्याग के साथ स्वाध्याय का दौर शुरू हो गया है। इसी कड़ी में जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा भीनासर की ओर से रविवार सुबह से नवकार महामंत्र का जाप शुरू हुआ। सुबह छह बजे शुरू हुआ यह जाप आठ दिन तक लगातार चलेगा।

इस अवसर पर वरिष्ठ साध्वी शासनश्री संयमश्री के सानिध्य में साध्वीवृंदों ने विचार रखे। कहा, मन के भावों से हम अपना अगला भव सुधार सकते हैं। भगवान महावीर के जीवन से जुड़े प्रसंगों का जिक्र साध्वीश्री ने किया। ज्ञानशाला के बच्चों व प्रशिक्षकों को उपहार दिये गये। शाम को सामूहिक प्रतिक्रमण हुआ।

जैन श्वेताम्बर पार्श्व चन्द्र गच्छ का पर्युषण पर्व शुरू
महावीर स्वामी मंदिर में बच्चों ने की नवांगी पूजा
श्री जैन श्वेताम्बर पार्श्वचन्द्र गच्छ का 8 दिवसीय पर्युषण पर्व रविवार को वयोवृद्ध साध्वीश्री पद्म प्रभा व सुव्रताश्री के सान्निध्य में आसानियों के चौक के रामपुरिया उपासरे में शुरू हुआ। बच्चों सहित बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने पार्श्वचन्द्र गच्छ के भगवान महावीर स्वामीजी के मंदिर में नवांगी पूजा, दर्शन वंदन किया। अष्टानिका प्रवचन सुना तथा विभिन्न तरह की तपस्याएं की।

श्री जैन श्वेताम्बर पार्श्वचंद्र गच्छ संघ के अध्यक्ष रविन्द्र रामपुरिया व मंत्री प्रताप सिंह रामपुरिया ने बताया कि साध्वी वृंद के सानिध्य में 8 दिनों तक देव, गुरु की भक्ति, साधना आराधना, प्रतिक्रमण, सामायिक, पौषध व आत्म कल्याण के लिए जप तप, जिनालय दर्शन वंदन के कार्यक्रम चलेंगे।

साध्वी श्री सुव्रताश्रीजी ने प्रवचन में कहा पर्युषण पर्व जिन शासन का धार्मिक, आध्यात्मिक, साधना आराधना का पर्व है। पर्युषण को पर्वों का राजा कहा जाता है। यह लौकिक नहीं लोकोतर पर्व है। इस पर्व में जप,तप, साधना, आराधना व भक्ति,आत्म निरीक्षण व परीक्षण करें।, भगवान महावीर के सिद्धान्तों सत्य, अहिंसा, अचौर्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य की पालना करें तथा पापवृत्तियों से बचे।