
PM Modi in Bikaner : मुख्यमंत्री भजनलाल बीकानेर पहुंचे, व्यवस्थाएं देखी, लोगों को न्यौता
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 26 हजार करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का करेंगे शिलान्यास-लोकार्पण
- बुनियादी ढांचे की विकास परियोजनाओं से समृद्ध और सशक्त भारत की परिकल्पना होगी साकार
- प्रधानमंत्री 103 अमृत स्टेशनों का करेंगे उद्घाटन
- बीकानेर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन को दिखाएंगे हरी झंडी
- प्रधानमंत्री देशनोक के करणी माता मंदिर में करेंगे दर्शन
RNE, BIKANER .
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कल यानी 22 मई को बीकानेर के पलाना में होने वाली सभा से पहले आज मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बीकानेर पहुंचे। उन्होंने व्यवस्थाएं देखी। लोगों से मिले और न्यौता दिया “कल प्रधानमंत्री जी आ रहे हैं। सबको पधारना है।”
मंत्रियों-विधायकों के साथ गन्ने का जूस पिया :
CM Bhajanlal ने बुधवार को बीकानेर के गंगाशहर इलाके में अचानक काफिला रोक लिया। गाड़ी से उतरे और गन्ने के जूस वाले ठेले पर पहुंच गए। वहां अपने मंत्रियों, विधायकों, भाजपा नेताओं के साथ गन्ने का जूस पिया। इस दौरान भीड़ जुट गई। उन्होंने हाथ जोड़ मोदीजी की सभा में आने का न्यौता दिया।
प्रधानमंत्री 22 मई को रहेंगे बीकानेर दौरे पर
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी गुरूवार (22 मई) को बीकानेर से 26 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास-उद्घाटन कर राष्ट्र को समर्पित करेंगे। साथ ही, प्रधानमंत्री अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पुनर्विकसित देशनोक रेलवे स्टेशन का दौरा करेंगे तथा बीकानेर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री देशनोक स्थित विश्वप्रसिद्ध करणी माता मंदिर में दर्शन करेंगे। प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी बीकानेर में उनके साथ उपस्थित रहेंगे।
यशस्वी प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देशभर में सांस्कृतिक विरासत, दिव्यांगजन केंद्रित सुविधाएं और यात्रियों की सुगमता के लिए ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत रेलवे स्टेशनों पर आधुनिक बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ किया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री द्वारा 1100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पुनर्विकसित 103 अमृत रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन किया जाएगा जिसमें राजस्थान के 8 रेलवे स्टेशन (फतेहपुर शेखावाटी, देशनोक, बूंदी, मांडलगढ़, गोगामेड़ी, राजगढ़, गोविंदगढ़, मंडावर-महुआ रोड) शामिल हैं। देशनोक रेलवे स्टेशन में मंदिर वास्तुकला, मेहराब और स्तंभ विषयवस्तु शैली उपयोग में ली गई है जिससे क्षेत्रीय वास्तुकला को बढ़ावा मिलेगा।
रेलवे स्टेशनों पर बुनियादी ढांचा किया जा रहा सुदृढ़
भारतीय रेलवे अपने नेटवर्क के 100 प्रतिशत विद्युतीकरण की ओर अग्रसर है जिससे रेलवे संचालन अधिक कुशल तथा पर्यावरण अनुकूल बन रहा है। इसी क्रम में श्री मोदी चूरू-सादुलपुर रेल लाइन (58 किमी) की आधारशिला रखेंगे तथा सूरतगढ़-फलोदी (336 किमी), फुलेरा-डेगाना (109 किमी), उदयपुर-हिम्मतनगर (210 किमी), फलोदी-जैसलमेर (157 किमी) तथा समदड़ी-बाड़मेर (129 किमी) रेल लाइन विद्युतीकरण को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
मजबूत सड़क तंत्र से सुरक्षा बलों को आवाजाही में होगी सुगमता
प्रधानमंत्री सड़क अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए पुष्कर में एनएच-58 पर 3 वाहन अंडरपास के निर्माण तथा एनएच-11, एनएच-70 (जैसलमेर से म्याजलार) की सड़कों के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण की आधारशिला रखेंगे। साथ ही, राजस्थान में लगभग 4 हजार 850 करोड़ की 7 सड़क परियोजनाओं को भी समर्पित करेंगे। इनसे आवागमन सुगम हो सकेगा। साथ ही, इन राजमार्गों के भारत-पाक सीमा तक फैले होने के कारण सुरक्षा बलों के लिए आवाजाही में सुगमता बढ़ेगी और भारत का रक्षा बुनियादी ढांचा भी मजबूत होगा।
सभी के लिए बिजली और स्वच्छ ऊर्जा हमारा विजन
केन्द्र सरकार सभी के लिए बिजली और स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध करवाने के विजन के साथ निरंतर काम कर रही है। इसी कड़ी में श्री मोदी विभिन्न विद्युत परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे जिनमें नीपको 300 मेगावाट ग्राउंड माउंटेड सौर परियोजना (बीकानेर), एसजेवीएन 100 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना (नावा), डीडवाना तथा कुचामन की सौर परियोजनाएं शामिल हैं। साथ ही, पार्ट बी पावरग्रिड सिरोही ट्रांसमिशन लिमिटेड और पार्ट ई पावरग्रिड मेवाड़ ट्रांसमिशन लिमिटेड के विद्युत निकासी के लिए ट्रांसमिशन प्रणाली का शिलान्यास भी किया जाएगा।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 3 विद्युत परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे, जिनमें पावर ग्रिड नीमच ट्रांसमिशन सिस्टम लिमिटेड तथा बीकानेर कॉम्प्लेक्स की विद्युत निकासी के लिए ट्रांसमिशन प्रणाली शामिल है। साथ ही, फतेहगढ़-द्वितीय विद्युत स्टेशन में परिवर्तन क्षमता के विस्तार का उद्घाटन भी किया जाएगा इससे कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री प्रदेश में कलासर सौर ऊर्जा परियोजना (500 मेगावाट) की आधारशिला रखेंगे और शिंभू का भुर्ज सौर ऊर्जा परियोजना (300 मेगावाट) का उद्घाटन करेंगे। इनमें एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड द्वारा घरेलू स्तर पर उत्पादित सौर पीवी मॉड्यूलों के उपयोग से ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा मिलेगा तथा रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी।
राज्य राजमार्ग विकास कार्यक्रम से क्षेत्रीय संपर्क को मिलेगा बढ़ावा
प्रधानमंत्री के आधारभूत अवसंरचना के सुदृढीकरण के विजन को गति देने के उद्देश्य से प्रदेश में राज्य राजमार्ग विकास कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसके तहत श्री मोदी कार्यक्रम में 3,240 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 757 किलोमीटर की लंबाई के 12 राज्य राजमार्गों का उन्नयन और रखरखाव के लिए विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इनमें मांगलियावास-पदुकलां (स्टेट हाइवे-102), ब्यावर-टेहला-अलनियावास (स्टेट हाइवे-59 और स्टेट हाइवे-104), दांतीवाड़ा-पीपाड़- मेड़ता सिटी (स्टेट हाइवे-21) शामिल हैं। राज्य राजमार्ग विकास कार्यक्रम के विस्तार में गोटन-साथिन राजमार्ग के साथ 900 किलोमीटर के अतिरिक्त नए राजमार्ग शामिल किए जाएंगे। इन परियोजनाओं से महत्वपूर्ण शहरों, औद्योगिक केंद्रों और राज्य की सीमाओं को जोड़ते हुए क्षेत्रीय संपर्क और सड़क सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
नए नर्सिंग कॉलेजों से प्रशिक्षण सुविधाओं का होगा विस्तार
प्रधानमंत्री राजसमंद, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा, धौलपुर में नए नर्सिंग कॉलेजों का उद्घाटन करेंगे। इस पहल से स्वास्थ्य अवसंरचना, नर्सिंग शिक्षा और प्रशिक्षण सुविधाओं में वृद्धि होगी। साथ ही, प्रधानमंत्री 132 केवी जीएसएस राजपुरा (बीकानेर) और 132 केवी जीएसएस सरदा (उदयपुर) की विद्युत अवसंरचना परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे। ये सबस्टेशन पारेषण क्षमता को बढ़ाएंगे, स्थानीय लोगों और उद्योगों को उच्च गुणवत्ता वाली और निर्बाध बिजली आपूर्ति भी प्रदान करेंगे।
अमृत 2.0 से शहरी क्षेत्र में स्वच्छ पेयजल होगा उपलब्ध
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी झुंझुनू जिले के लिए ग्रामीण जल आपूर्ति और फ्लोरोसिस शमन परियोजना, अमृत 2.0 के तहत पाली जिले के 7 शहरों के लिए शहरी जल आपूर्ति योजनाओं के पुनर्गठन सहित विभिन्न जल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे। इससे ग्रामीण परिवारों, विशेष रूप से फ्लोरोसिस प्रभावित क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। जल अवसंरचना परियोजनाएँ आईजीएनपी के तहत जल वितरिकाओं के पुनर्वास से सिंचाई प्रणाली की दक्षता बढ़ेगी तथा कृषि उत्पादकता एवं किसानों की आय में वृद्धि होगी।
इन विकास परियोजनाओं से देशभर में सड़क, बिजली, स्वास्थ्य सेवा और पेयजल सहित विभिन्न मूलभूत सुविधाओं में समावेशी विकास सुनिश्चित हो सकेगा। साथ ही, विकसित भारत-विकसित राजस्थान का मार्ग भी प्रशस्त होगा।