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Rajasthan Education : रविवार को स्कूल खोलने, स्टाफ को बुलाने के आदेश पर उलझे अधिकारी, पहले संशोधन, फिर आदेश वापस

  • ShriDungargarh के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी रविवार को सभी स्कूल खोलने, स्टाफ को बुलाने का आदेश दिया
  • विधानसभा में कटमोशन की तैयारी के लिये दिया था आदेश
  • रीवा ने स्कूलें खोलने, पूरे स्टाफ को बुलाने का आदेश अनुचित बताया
  • बवाल हुआ तो पहले संशोधन किया फिर आदेश वापस लिया

RNE Bikaner.

राजस्थान के शिक्षा विभाग में रविवार को स्कूलें खोलने का एक अनूठा आदेश वायरल हो रहा है। इस आदेश में कहा गया है कि विधानसभा में अनुदान मांगों पर चर्चा और सवालों को देखते हुए रविवार को सभी स्कूल खुले रखें और पूरा स्टाफ मौजूद रहे। हालांकि आदेश एक ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने दिया है लेकिन देखते ही देखते यह शिक्षा विभाग के गु्रपों से होता हुआ विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पहुंच गया। इस पर आपत्ति आई तो अधिकारी को अहसास हुआ कि गलत आदेश जारी हो गया है। बात उच्चाधिकारियों तक पहुंची तो एकबारगी एकबारगी संशोधन जारी किया गया लेकिन इसमें भी स्कूल खुले रखने की बात कही गई। कर्मचारियों-अधिकारियों के संगठन राजस्थान एज्युकेशन एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन (रीवा) ने इस पर आपत्ति जताते हुए डायरेक्टर, शिक्षामंत्री से लेकर सीएम तक को ज्ञापन भेजा। आखिरकार बात बढ़ती देख रविवार को आदेश वापस लिया गया।

मामला यह है:

दरअसल जिस आदेश का जिक्र हो रहा है वह बीकानेर जिले के श्रीडूंगरगढ़ ब्लॉक के अतिक्ति मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ईश्वरराम गरुवा की ओर से जारी किया गया था। एक मार्च यानी शनिवार को जारी इस आदेश में कहा गया कि चार मार्च को विधानसभा मंे शिक्षा विभाग की अुनदान मांगों पर कटौती प्रस्ताव प्रस्तुत होने हैं। ऐसे में इससे पहले रविवार को सभी स्कूल खुले रखें। सभी अधिकारी-कार्मिक स्कूलों में उपस्थित रहें। मोबाइल आवश्यक रूप से चालू रहें।
ये हैं पहला आदेश:

रीवा ने आदेश पर आपत्ति जताई:

राजस्थान एज्युकेशन एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन (रीवा) ने इस आदेश पर आपत्ति जताते हुए स्कूलें खुली रखनें और स्टाफ को बुलाने पर आपत्ति जताई। रीवा के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप जोशी ने इस आदेश का विरोध करते हुए शिक्षामंत्री, मुख्यमंत्री तक ज्ञापन भेजा। कहा, स्कूलें खुलवाने का आदेश निदेशक या संभागीय संयुक्त निदेशक के स्तर पर दिये गये किसी आधिकारिक निर्देश में नहीं है। अवकाश के दिन स्कूलें खुली रखने का आदेश देने में सीधे तौर पर राज्य सरकार ही सक्षम है। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी द्वारा ऐसा आदेश देना न केवल सक्षम क्षेत्राधिकार से बाहर है वरन कर्मचारियों-अधिकारियों को छुट्टी के दिन स्कूलें खुली रखने के लिए बाध्य करना उनके अवकाश अधिकारों का भी हनन है। जोशी ने आदेश जारी करने वाले अधिकारी पर कार्रवाई की मांग भी उठाई।

फिर निकला संशोधित आदेश, तब भी स्कूलें खुली रखने को कहा:

विरोध होता देख अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने संशोधित आदेश जारी किया। इस आदेश में भी स्कूलें खुली रखने को कहा गया। अलबत्ता अधिकारियों-कर्मचारियों को स्कूलें खुले रखने का निर्देश देने के साथ ही मोबाइल चालू रखने को कहा गया।

निदेशालय तक पहुंचा मामला आदेश निरस्त:संशोधन आदेश में भी स्कूलें खुली रखने को कहा गया तो कर्मचारी भड़क गये। शिक्षा निदेशालय मंे मामला पहुंचा। पड़ताल हई और रविवार को आखिरकार श्रीडूंगरगढ़ के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ओमप्रकाश ने आदेश जारी कर स्कूलें खुली रखने का आदेश प्रत्याहरित किया।

ये बोले अधिकारी:

संयुक्त निदेशक गोविंद नारायण ने इस संबंध में ‘रूद्रा न्यूज एक्सप्रेस’ को बताया, कटमोशन के लिए कार्यालय खुले रखे जाते हैं। संभवतया गलती से स्कूलों का अंकित हो गया। इसके बाद में संशोधन जारी हो गया है। हालांकि संयुक्त निदेशक के मुताबिक एक मार्च शनिवार को ही उचित संशोधन हो गया जबकि वास्तविकता यह है कि मामला तूल पकड़ने के बाद रविवार दो मार्च को यह आदेश प्रत्याहरित किया गया। इस बीच कर्मचारी संगठन ने यह भी मांग उठाई कि चूंकि समय रहते आदेश वापस नहीं लिया गया ऐसे मंे इसकी पालना में जो लोग स्कूल पहुंच गये उन्हें नियमानुसार क्षतिपूर्ति अवकाश और लघु यात्रा भत्ता दिया जाए।