“ब्याव” को फ़िल्म फेस्टिवल सिंगापुर , हांगकांग,और मलेशिया में भी नॉमिनी के लिये भेजा
आरएनई,स्टेट ब्युरो।
देश विदेश की 67 देशो से आई 329 फ़िल्म 9 से 13 फरवरी तक चलने वाले जयपुर इंटरनेशनल फ़िल्म फ़ेस्टिवल में 13 तारीख को ब्याव फ़िल्म दिखाई जायेगी । फ़िल्म के प्रोड्यूसर आशुतोष ने बताया की फ़िल्म ब्याव की कहानी एक यंग लड़के के इर्दगिर्द घूमती है । हर इन्सान को ब्याव (शादी)देखना या ब्याव में जाने का बहुत ही उत्साह होता है ,पर एक लड़का ( दीपु) ऐसा है जिसे ब्याव का कहते ही उस कहने वाले को मारने दौड़ता है। उस वक्त उस पर ऐसा भूत सवार हो जाता है जिससे वो ये नही देखता की मेरे आसपास क्या पड़ा है। क्या रखा है बस उसको तो उस शक्स को मारना है जिसने उसके सामने ब्याव की बात की और कौन उस लड़के के मन मे ब्याव के लिए गलत धारणा पैदा करते है। अब ऐसे लड़के को कैसे ब्याव के लिये तैयार किया जाता है ,और सगाई के बाद उस दूल्हे के ख़यालों में हर वक़्त ब्याव और नई दुल्हन को लेकर क्या-क्या अजीब-अजीब बाते आती है ? पूना फ़िल्म इंस्टीयूट में फ़िल्म मेकिंग में अध्ययनरत स्टूडेंट्स के द्वारा बनाई गई ये एक शॉर्ट फिल्म ब्याव है । फ़िल्म ब्याव को आशुतोष ने डारेक्ट के साथ साथ इस फ़िल्म को प्रोड्यूस भी किया है। साथ ही आशुतोष ने ये भी बताया की मेरी पृष्ठ भूमि राजस्थान बीकानेर से हैं। इस लिए मेने राजस्थानी भाषा के विकास और लगाव को धयान में रख कर राजस्थानी में फ़िल्म बनाने की सोची। शुरु में तो बहुत मुश्किल आई, कहानी फाइनल करवाने के लिये। फिर कोई बॉलीवुड में राजस्थानी पृष्ठभूमि का अभिनेता मुंबई में ढूंढना मुश्किल था। फिर काफी तलाश करते-करते फ़िल्म सीटी मुम्बई में एक रियलिटी शो के सेट पर पहुंचा। वहाँ मेरी तलाश पूरी हुई ”फ़िल्म बाँके की क्रेजी बारात ” में अभिनय कर चुके बीकानेर के अभिनेता रामदयाल राजपुरोहित में ।रामदयाल राजपुरोहित लगभग 20 वर्षो से मुम्बई में ही रहते है ,फ़िल्म प्रोडक्शन, रिसर्च, अभिनय, में काफी काम कर चुके है ,शाबाश इंडिया,गिनिज वर्ल्ड रिकॉर्ड, केसरिया बालम ,इंडियन आइडल ,इंटरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा, इंडियाज गॉड टैलंट आदि अनेको रियल्टी शो में एसोशिएशट प्रोड्यूसर रहे है। जिनको मेने दूल्हे के पिता के रोल के लिए कास्ट किया । राजपुरोहित के अनुभव का लाभ भी हमे इस फ़िल्म में मिला ,क्योंकि वहाँ पुणे में राजस्थानी कोई जानता नही और आज तक राजस्थानी में कोई भी फ़िल्म पूणे फ़िल्म इंस्टीयूट में दिखाई भी नही गई है। और न ही कभी यहाँ समिट की गई हमने मूल भाषा राजस्थानी ही रखी और सब टाइटल में इंग्लिश,हिन्दी में भी डब कराई।
डारेक्टर आशुतोष ने बताया की ब्याव फ़िल्म की कहानी एक जवान लड़के की है । हीरो के दोस्त उसको औरत के बारे में बहुत ही गलत धारणा कहते है, की पत्नी तो एक तरह से जहर है शादी तो बर्बादी है आदि-आदि फिर कहानी शुरू होती है । हीरो के माँ बाप उसकी शादी की जिद करते है और हीरो जो दिखावे में तो ब्याव नही करना चाहता पर अंदर ही अंदर उसे ब्याव का बहुत चाव होता है। उसी चाव और न नुकर के बीच मे उसका ब्याव हो जाता है फिर अंत मे एक सपने में उसकी आंखें खुलती है और फिर उसका घर बसता है । फ़िल्म में मुम्बई के साथ-साथ स्थानीय कलाकारों ने भी अभिनय की छाप छोड़ी है । इस फ़िल्म को फ़िल्म फेस्टिवल सिंगापुर , हांगकांग,और मलेशिया में भी नॉमिनी के लिये भेजी गई है ।
फ़िल्म के कलाकार :
दीपांशु तिवारी (दूल्हा), राजश्री सुथार( दुल्हन ), रामदयाल राजपुरोहित( दूल्हे का बाप ), रेणु जोशी (दूल्हे की माँ ), रामगोपाल सोनी (दुल्हन का बाप ), प्रियांशु सोनी, आदित्य सोनी, रिचा सोनी, सोनिया सोनी, बजरंग व्यास , अभय उनियाल, अनुष्का प्रजापत, मेकअप एवं ड्रेस डिजाइन दीपशिखा पुरोहित।