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ShriDungargarh में लगातार दो दिन आग: Bikaner में दो साल में 155 जगह आग, 08 इंसान, 199 पशु जिंदा जले

अभिषेक पुरोहित

RNE, BIKANER .

शुक्रवार को श्रीडूंगरगढ के लखासर गांव में किसान मूलसिंह की ढाणी में आग लग गई। सबकुछ जलकर स्वाहा हो गया। इससे एक दिन पहले इसी इलाके के धीरदेसर चोटियान गांव में किसान भागूराम मेघवाल की ढाणी में आग लगी। पशु और पैसे सबकुछ जल गये। लगातार दो दिन में हुई ये घटनाएं हालांकि दर्दनाक है मगर यह भी कह सकते हैं कि यह अभी शुरूआत है।

गर्मी के साथ ही हर साल आगजनी की घटनाएं शुरू होती है। सैकड़ों किसानों को खून के आंसू रूला जाती है। वजह, कई घटनाओं में आदमी जिंदा जल जाते हैं। वर्ष 2021-22 की दो साल की रिपोर्ट ही देखें तो राजस्थान में आग की घटनाओं में 42 लोगों की मौत हो गई। अकेले बीकानेर में इन दो सालों में गांवों में लगी आग से आठ लोग जिंदा जल चुके हैं।

राजस्थान में दो साल में 42 इंसान, 1003 पशु जिंदा जले :

भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष-विधायक सतीश पूनिया की ओर से विधानसभा में उठाए गए एक सवाल के जवाब में दिल दहला देने वाले आंकड़े सामने आये। इन आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में जनवरी 2021 से दिसंबर 2022 तक घटित आगजनी की घटनाओं में 42 इंसान जिंदा जल गए। इसके साथ ही 1003 पशु जिंदा जल गए। लगभग 346 पक्के घर जल गए। कच्चे आशियाने और झोंपड़ों की संख्या हजारों में हैं।

बीकनेर में 154 जगह आग, 08 इंसान, 199 पशु जिंदा जले :

चूंकि फिलहाल बात बीकानेर के श्रीडूंगरगढ में लगी आग के बारे में हो रही तो यह बताना लाजिमी हो गा कि इस जिले में एक जनवरी 2021 से 31 दिसंबर 2022 तक यानी दो साल में 154 घरों में आग लगने की जानकारी सामने आई। इनमें आठ इंसान और 199 पशु जिंदा जल गए। यहां

यह भी बताना सही होगा कि बीकानेर के गांवों में आग लगने की 154 घटनाओं में से 144 में झोंपड़े जले हैं। तीन कच्चे घर और 07 पक्के मकान जले। जाहिर है कि सबसे ज्यादा चिंता झोंपड़ों की रहती है। आग लगने के दौरान इनमें पशु बंधे होते हैं जो मौत के मुंह में चले जाते हैं। कई मामलों में इंसान भी जलकर मर गए।

Bikaner : इन घटनाओं में आठ इंसानों की मौत :

  • कोलायत के झझू में एक जनवरी 2021 को लगी आग, एक व्यक्ति की मौत।
  • लूणकरणसर के सुरनाणा में 02 जनवरी 2021 को एक व्यक्ति की मौत।
  • लूणकरणसर के खिलेरिया में 02 जनवरी 2021 को आग, दो व्यक्तियों की मौत।
  • नोखा के तर्ड़ों की ढाणी में 14 फरवरी 2021 को एक व्यक्ति की मौत।
  • नोखा के सिलवा में 01 मार्च 2021 को एक व्यक्ति की मौत।
  • बीकानेर के धोलेरा में 02 नवंबर 21 को एक व्यक्ति की मौत।
  • छत्तरगढ़ के लूणखां में 04 नवंबर 21 को एक व्यक्ति की मौत।

सालों तक नहीं मिलता मुआवजा :

हालांकि मौत की भरपाई किसी भी मुआवजे से नहीं हो सकती लेकिन किसान, गरीब परिवार को इसके बावजूद इमदाद के लिए लंबे समय तक पटवारी से लेकर एसडीएम तक के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इंसान की मौत पर चार लाख रूपए मुआवजा दिया जाता है। पशु में छोटे व बड़े की अलग-अलग दर है। इसी तरह झोंपड़े, कच्चे मकान, पक्के मकान की अलग-अलग मुआवजा दर है।